चीन में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए कड़े प्रतिबंधों के खिलाफ चीन में प्रदर्शन तेज हो गया हैं चीनी प्रदर्शनकारियों ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए ब्लैंक पेपर शीट का सहारा लिया है ब्लैंक पेपर शीट इस प्रदर्शन का सिंबल बन चुकी है विरोध जताने का ये तरीका अब सड़कों से लेकर देश की बड़ी यूनिवर्सिटीज तक पहुंच गया है। सोशल मीडिया पर कई फोटो और वीडियो सामने आ रहे हैं जिसमें नानजिंग और बीजिंग सहित कई शहरों में विश्वविद्यालयों में छात्रों को हाथ में ब्लैंक पेपर शीट लिए शांति प्रदर्शन करते हुए देखा गया है
चीन अभी भी अपनी कठिन जीरो-कोविड नीति का पालन कर रहा है देश में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और रविवार (27 नवंबर) को ही करीब 40,000 नए मामले सामने आए हैं देश में लगातार चौथे दिन संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों और वीडियो के मुताबिक शंघाई में उरुमकी पीड़ितों के लिए कैंडललाइट मार्च का आयोजन करने के लिए शनिवार देर रात इकट्ठा होने वाली भीड़ ने भी हाथ में ब्लैंक पेपर शीट पकड़ रखी थीं कई लोगों का आरोप है कि वायरस संबंधी प्रतिबंधों के मद्देनजर लगाए गए अवरोधकों के कारण आग और भीषण हो गई और आपात कर्मियों को आग बुझाने में तीन घंटे का समय लगा, लेकिन अधिकारियों ने इन आरोपों से इनकार किया और कहा कि इमारत में कोई अवरोधक नहीं लगाए गए थे निवासियों को वहां से जाने की अनुमति थी।
पश्चिमोत्तर चीन के शिनजियांग प्रांत के उरुमकी के एक आवासीय इमारत में शुक्रवार को आग लगने से 10 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे कोविड को लेकर सख्ती के बीच इस घटना ने चीन के लोगों का गुस्सा और भड़का दिया।
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