150 जंगी जहाज और पनडुब्बियां
2 एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत और विक्रमादित्य
15 अटैक पनडुब्बियां
1-1 बैलिस्टिक मिसाइल व परमाणु ईंधन चालित पनडुब्बी
14 फ्रिगेट, 10 डेस्ट्रॉयर
75 हजार से ज्यादा नौसैनिक
इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : भारतीय नौसेना 4 दिसम्बर को विशाखापट्टनम में नौसेना दिवस मनाएगी। इससे पहले नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर. हरिकुमार ने हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। नौसेनाद्यक्ष ने कहा है कि हमारी नजर हर गतिविधि पर है और देश की सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी।
ज्ञात हो, अमरीकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में हिंद महासागर में बढ़ती चीन की गतिविधियों पर चिंता जताए जाने के बाद शनिवार को भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल आर. हरिकुमार ने कहा कि भारतीय नौसेना हर गतिविधि पर पैनी नजर गढ़ाए हुए है। हम भारतीय भूभाग की सुरक्षा करने में पूर्णतः सक्षम हैं।
एडमिरल हरिकुमार ने नौसेना दिवस के मौके वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में हाल ही में जारी अमरीकी रिपोर्ट के हवाले से पूछे गए सवाल के सन्दर्भ में कहा कि हिंद महासागर में चीन के कई जहाज ऑपरेट करते हैं। चार छह से चीनी नौसेना जहाजों के अलावा कई अनुसंधान शिप और कई मछली पकड़ने वाले जहाजों की गतिविधियां होती रहती हैं। इसके अलावा करीब पांच दर्जन अन्य अतिरिक्त क्षेत्रीय ताकतों की भी हिंद महासागर में मौजूदगी रहती है। इन सभी पर नौसेना की पैनी नजर है।
दरअसल, अमरीकी रक्षा विभाग की रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन अफ्रीकी देश जिबूती में सैन्य अड्डा बनाने की कोशिश कर रहा है। वह वहां एयरक्राफ्ट कैरियर, बड़े जहाज व पनडुब्बियां तैनात कर सकता है। इस पर नौसेनाध्यक्ष ने कहा कि नौसेना सैटेलाइट्स और समुद्री विमानों की मदद से इस क्षेत्र में नजर रखते हुए हर चुनौती का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहती है। नौसेना का फर्ज है कि देश की सीमाओं को सुरक्षित रखा जाए।
नौसेना अध्य्क्ष ने ये भी कहा कि चीन पर नजर रखने के लिए भारत अमरीका से अलकायदा आतंकी अलृजवाहिरी को निशाने पर लेने में इस्तेमाल हुए 30 एमक्यू-9बी प्रिडेटर ड्रोन खरीदने की तैयारी में है। इस पर तीन बिलियन अमरीकी डॉलर खर्च किए जाएंगे।
एडमिरल हरिकुमार ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध से सीख मिली है कि सुरक्षा के मामले में किसी पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। भारत इससे पहले ही सुरक्षा मामलों में भी आत्मनिर्भर होने की तैयारी में जुटा हेै। नौसेना की ताकत बढ़ाने वाला एयरक्राफ्ट केरियर इसका प्रमुख उदाहरण है। इसके अलावा भी भारत में बन रहे जहाजों व पनडुब्बियों में स्वदेशीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय नौसेना आने वाले 25 साल यानी 2047 तक पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगी।
नौसेनाध्यक्ष ने बताया कि अगले कुछ बरसों में महिलाओं को नौसेना के सभी वर्गों में भर्ती किया जाएगा। अभी एविएशन जैसी कुछ शाखाओं में ही महिलाएं हैं। इस बार अग्निवीर भर्ती योजना के तहत भी 341 महिलाएं नौसेना में शामिल की जा रही हैं। पहली बार महिला नाविक नौसेना में शामिल की जा रही हैं।
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