इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में लोगों के बालों का झड़ना काफी आम हो गया है। गंजेपन की इस समस्या का सामना महिलाओं और पुरुष दोनों को ही करना पड़ रहा है। गंजेपन की समस्या के चलते अक्सर लोग जवानी में ही बूढ़े दिखने लगते है। गंजेपन की समस्या कई बार आपकी गलत लाइफस्टाइल के चलते होती है तो कई बार यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है। गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आजकल मार्केट में कई ट्रीटमेंट उपलब्ध हैं जिसमें से एक तरीका हेयर ट्रांसप्लांट है। बीते कुछ सालों में गंजेपन की समस्या से परेशान लोग हेयर ट्रांसप्लांट का सहारा ले रहे हैं।
जानकारी दें, हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसा प्रोसेस है जिसमें सिर के पीछे या साइड में जहां घने बाल होते हैं वहां से बाल लेकर उस एरिया में प्लांट किए जाते हैं जहां बाल नहीं हैं। इस पूरे प्रोसेस में कई हफ्तों का समय लगता है। इस सर्जरी से गंजेपन की समस्या से तो छुटकारा मिल जाता है लेकिन कई बार इसके साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ता है। ज्ञात हो, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के बाद व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। हम आपको ऐसे ही एक मामले के बारे में बताने जा रहे हैं जहां 30 साल के एक व्यक्ति को हेयर ट्रांसप्लांट करवाना जानलेवा साबित हुआ।
जानकरी दें, जामिया में रहने वाले अतहर रशीद की जून महीने में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद जान चली गई थी। उनका परिवार अब मुआवजे की मांग कर रहा है। रोहिणी के एक सैलून में अतहर ने अपना हेयर ट्रांसप्लांट करवाया था जिसके बाद उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। अतहर ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके साथ ऐसा कुछ हो जाएगा। इस मामले के बाद हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले इस सैलून को हाई कोर्ट ने फटकार भी लगाई।
आपको बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में यह कहा गया है कि सिर्फ योग्य डॉक्टर ही हेयर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं। साथ ही इनके सहायक भी काबिल होने चाहिए यानी उनका मेडिकल बैकग्राउंड हो। साथ ही एडवाइजरी में यह भी बताया गया है कि जिस सेटअप में सर्जरी हो वो जगह किसी अस्पताल से जुड़ी हो। जहां ICU की सुविधा उपलब्ध हो ताकि अगर कोई भी दिक्कत आए तो मरीज को वहां दाखिल किया जा सके। इसके साथ ही ट्रांसप्लांट करवाने वाले व्यक्ति को पहले इसके प्रोसीजर और नुकसानों की जानकारी देनी जरूरी है। साथ ही केवल वही लोग हेयर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं जिनके पास इसकी पूरी ट्रेनिंग उपलब्ध हो।
वहीँ,कुछ जानकारों का कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट का प्रोसेस आसान है लेकिन अगर इसे करने वाले व्यक्ति के पास इसे लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध ना हो तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। तो अगर आप भी गंजेपन की समस्या के चलते हेयर ट्रांसप्लांट करवाने का सोच रहे हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है।
जानकारी दें, हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें प्लास्टिक या डर्मेटोलॉजिकल सर्जन बालों को सिर के गंजे हिस्से में ट्रांसप्लांट करते हैं। सर्जन आमतौर पर बालों को सिर के पीछे या किनारे से आगे या सिर के ऊपर ट्रांसप्लांट करते हैं। हेयर ट्रांसप्लांट आमतौर पर लोकल एनेस्थीसिया के तहत एक मेडिकल ऑफिस में किया जाता है। जीन्स के अलावा इन कारणों की वजह से भी होती है गंजेपन की समस्या- डाइट, स्ट्रेस, बीमारी, हार्मोन का असंतुलन या दवाइयां।
हेयर ट्रांसप्लांट का पूरा प्रोसीजर दो टाइप का होता है। पहला स्लिट ग्राफ्ट तो दूसरा माइक्रोग्राफ्ट। स्लिट ग्राफ्ट में हर ग्राफ्ट 4 से 10 बाल होते हैं। वहीं, कवरेज के आधार पर माइक्रोग्राफ्ट में हर ग्राफ्ट 1 से 2 बाल होते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट करवाते समय ध्यान रखें कि योग्य डॉक्टर से ही यह सर्जरी करवाएं जिनके पास लाइसेंस हो।
हेयर ट्रांसप्लांट से पहले आपको तकनीकों के बारे में जानकारी होनी जरूरी है। हेयर ट्रांसप्लांट में कई तरह की तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है।
आपके लिए कौन सी तकनीक बेहतर है इसके बारे में पता होना जरूरी है।
यह प्रक्रिया एक मान्यता प्राप्त और अच्छे अस्पताल में सर्जरी प्रोटोकॉल के साथ की जानी चाहिए।
प्रक्रिया के सुरक्षित और प्रभावी परिणाम को सुनिश्चित करने के लिए रेगुलर फॉलोअप प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए।
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