Nail Paint Side Effects: मौजूदा समय में हर कोई खुद को सुंदर और बेहतर दिखाने की कोशिश में लगा हुआ है। सुंदर दिखने के लिए लोग कई तरह के उपाय अपनाते हैं। खासकर लड़कियों के अंदर इसे लेकर एक अलग ही क्रेज देखने को मिलता है। अपने बालों से लेकर अपने नाखूनों तक लड़कियां अपनी हर एक चीज का काफी ध्यान रखती हैं। अच्छा दिखने के लिए सिर्फ चेहरे की सुंदरता जरूरी नहीं होती, बल्कि अन्य चीजें भी काफी मायने रखती है।
आपको बता दें कि इन्हीं में से एक नाखून की सुंदरता बढ़ाने के लिए ज्यादातर लड़कियां नेल पेंट का सहारा लेती हैं। लगभर हर लड़की को नेल पेंट लगाना काफी पसंद होता है। आज-कल नेल एक्सटेंशन से लेकर तरह-तरह के नेल पेंट का ट्रेंड काफी चलन में है। मार्केट में कईं तरह के नेल पेंट मौजूद है, जिन्हें लगाना लड़कियां काफी पसंद भी करती हैं। अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं, तो नाखूनों को सुंदर बनाने वाले नेल पेंट से होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जरूर जान लें। जो आपको जानना बेहद जरुरी भी है।
नेल पॉलिश लगाना ज्यादातर लड़कियों को काफी पसंद होता है। कई लड़कियां ऐसी भी होती है, जिन्हें नेल पेंट की इतना शौक होता है कि वो इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल करती हैं। लेकिन, नेल पॉलिश का ज्यादा इस्तेमाल आपके नाखूनों के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। दरअसल, लगातार नेल पॉलिश लगाने से नाखून कमजोर पड़ जाते हैं और उनकी प्राकृतिक चमक भी खत्म हो जाती है।
नेल पॉलिश बनाने के लिए स्पिरिट का इस्तेमाल किया जाता है। नेल पेंट में उपयोग में आने वाला यह रसायन हमारे फेफड़ों के लिए काफी हानिकारक होता है। इतना ही नहीं नेल पेंट में मौजूद रसायनों के शरीर के अंदर जाने से न्यूरो, गट और सांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
नेल पॉलिश के अंदर टॉल्यूइन (Toluene) नामक एक रसायन पाया जाता है, जो नेल पॉलिश के जरिए नाखूनों से हमारे शरीर की अन्य कोशिकाओं तक पहुंच जाता है। शरीर की कोशिकाओं के संपर्क में आने से यह रसायन हमारी तंत्रिका प्रणाली यानी नर्व्स सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।
नाखूनों को सुंदर दिखाने वाली नेल पॉलिश को बनाने के लिए कई हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं रसायनों में से एक एक्रेलेट्स भी सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। यह रसायन अगर त्वचा के संपर्क में आ जाए या सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर जाए, तो इससे कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
इन सबके अलावा नेल पेंट में फॉर्मलडिहाइड नामक रसायन भी पाया जाता है, जिसके संपर्क में आने से मायलोइड ल्यूकेमिया यानी बोन मैरो, लाल रक्त कोशिकाएं, श्वेत रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट्स की कमी से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं।
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