इंडिया न्यूज़ (मुंबई, Maharashtra ministers Karnataka visit cancelled): महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल और शंभुराज देसाई ने मंगलवार को बेलगावी की अपनी निर्धारित यात्रा स्थगित कर दी। सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने दोनों मंत्रियों के बेलगावी दौरे पर चिंता जताई थी।
महाराष्ट्र ने पाटिल और देसाई को कर्नाटक के साथ राज्य की सीमा रेखा विवाद के लिए समन्वय मंत्री नियुक्त किया है। दोनों राज्य आपस में सीमा के सीमांकन को लेकर दशकों से उलझे हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट में 30 नवंबर को इस मामले की सुनवाई होनी है.
This stand of Karnataka had nothing to do with elections, it is a long dragged issue by Maharastra. These tensions are created because of Maharashtra. There is prosperity among people of both states, this (Border issue) is in SC & I'm sure we'll win the legal battle: Karnataka CM pic.twitter.com/geRleBYSGg
— ANI (@ANI) December 6, 2022
महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) की नेता सरिता पाटिल ने इस मुद्दे पर कहा की, “महाराष्ट्र के मंत्री जो बेलगावी में आने वाले थे, अब महापरिनिर्वाण दिवस के कारण उनका कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।”
पाटिल और देसाई पहले 3 दिसंबर को बेलगावी जाने वाले थे, लेकिन पहले उन्होंने अपनी यात्रा को 6 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था। कल कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सीमा विवाद के मुद्दे को कानूनी रूप से लड़ने की अपील की क्योंकि मामला अभी अदालत में है।
कर्नाटक के सीएम ने निर्धारित यात्रा पर कहा, “हमने उन्हें पहले ही बता दिया है कि यह कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करेगा, इसलिए, यह महाराष्ट्र के मंत्रियों के आने का सही समय नहीं है। मैं महाराष्ट्र के सीएम से अपील करता हूं कि मामला अदालत में है और कानूनी रूप से लड़ें।”
इस बीच, एहतियात के तौर पर बेलगावी के चिक्कोडी में सीमा पर पुलिस की मौजूदगी कड़ी कर दी गई है। पुलिस के मुताबिक, निप्पनी तालुक में कर्नाटक स्टेट रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) की छह टुकड़ियां तैनात हैं।
कुगनोली चेक पोस्ट पर 450 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) एडिशनल एसपी, डीएसपी, पुलिस इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर और 450 पुलिस कर्मियों जैसे वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया गया है।
निप्पनी और चिक्कोडी तालुक की सभी आंतरिक सड़कें अवरुद्ध हैं। पुलिस सीमा में प्रवेश करने वाले हर वाहन की चेकिंग कर रही है। बेलगाम या बेलगावी वर्तमान में कर्नाटक का हिस्सा है लेकिन महाराष्ट्र द्वारा इनपर दावा किया जाता है।
1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग करती रही है। इसके बाद दोनों राज्यों की ओर से चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया।
महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी 260 गांवों को स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कर्नाटक द्वारा इसे ठुकरा दिया गया था।
अब, कर्नाटक और महाराष्ट्र दोनों सरकारों ने मामले में तेजी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, और मामला अभी भी लंबित है।
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