इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : चीन की सेना ने एक बार फिर दुस्साहस किया है। यह कुछ गलवान पार्ट-2 जैसा था। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प में कई जवान घायल हुए हैं। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सत्र चल रहा है तो संसद को सूचना क्यों नहीं दी गई? उधर, कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया, ‘अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है। वक्त आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’ साफ है 13 दिसंबर को संसद में यह मुद्दा उछलेगा और विपक्ष इस पर हंगामा कर सकता है।
जानकारी दें, पूर्वी लद्दाख में गलवान झड़प के बाद इस तरह की पहली घटना सामने आई है। 9 दिसंबर को इस झड़प में कई भारतीय सैनिक घायल हुए हैं। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में बताया है कि 9 तारीख को अरुणाचल के तवांग सेक्टर में LAC पर पीएलए सैनिक आ गए थे। इस फेस-ऑफ में दोनों तरफ के सैनिकों को मामूली चोट आई है। हालांकि क्षेत्र से जल्द ही दोनों पक्ष पीछे हट गए। बाद में बॉर्डर पर शांति और स्थिरता कायम करने के लिए कमांडरों की मीटिंग भी हुई।
वहीं मीडिया में झड़प की खबरों के बाद भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा कि 9 दिसंबर को दोनों देशों के बीच झड़प हुई थी। चीनी सैनिक भारतीय चौकी को हटाना चाह रहे थे। हमने उन्हें खदेड़ा। इस दौरान दोनों देशों के सैनिकों को हल्की चोटें आई हैं। सेना ने अपने बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का बहादुरी से मुकाबला किया और उनकी साजिशों को नाकाम किया।
वहीं न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि लगभग 300 चीनी सैनिक अपनी तैयारी से आए थे लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। हालांकि चीनी सैनिकों को भारत की तरफ से इस सख्त प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी।
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश से आ रही खबरें चिंताजनक और भयानक हैं। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच एक बड़ी झड़प हुई और सरकार ने देश को कई दिनों तक अंधेरे में रखा। उन्होंने कहा कि जब संसद का सत्र (शीतकालीन) चल रहा था तो उसे जानकारी क्यों नहीं दी गई?
ओवैसी ने सिलसिलेवार तरीके से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी आधी-अधूरी है। उन्होंने पूछा कि इस झड़प की मुख्य वजह क्या थी? गोलियां चली थीं या गलवान की तरह हुआ था? कितने सैनिक घायल हुए हैं? उनकी हालत क्या है? चीन को कड़ा संदेश देने के लिए संसद से अपने सैनिकों के सपोर्ट में क्यों कुछ कहा नहीं जा रहा है?
The army is capable of giving a fitting reply to the Chinese at any time. It is the weak political leadership under Modi which has led to this humiliation against China. This needs an urgent discussion in Parliament.I will be giving an Adjournment motion tomorrow on this issue.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2022
एक अन्य ट्वीट में ओवैसी ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी समय चीनियों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘मोदी के नेतृत्व में यह कमजोर राजनीतिक नेतृत्व है जिसके कारण ऐसा हुआ है। इस पर संसद में तत्काल चर्चा की जरूरत है। मैं कल (13 दिसंबर) को स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।’
उधर, कांग्रेस ने पीएम मोदी के पुराने बयान का एक हिस्सा ट्वीट करते हुए निशाना साधा है। कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से कहा गया, ‘अगर ये गलती न की होती। चीन का नाम लेने से डरे न होते तो आज चीन की हैसियत नहीं थी कि हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखे। हमारी जमीन पर कब्जा करना, हमारी जमीन पर आकर हमारे सैनिकों से झड़प करना तो दूर की बात है। अब भी वक्त है… डरो मत!’
जो वीडियो कांग्रेस ने शेयर किया है, उसमें पीएम मोदी कह रहे हैं, ‘न वहां कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है। न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।’
अगर ये गलती न की होती। चीन का नाम लेने से डरे न होते तो आज चीन की हैसियत नहीं थी कि हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखे।
हमारी जमीन पर कब्जा करना, हमारी जमीन पर आकर हमारे सैनिकों से झड़प करना तो दूर की बात है।
अब भी वक्त है… डरो मत! pic.twitter.com/cSG5cjWZAa
— Congress (@INCIndia) December 12, 2022
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