स्किन में सीबम का ज्यादा उत्पादन स्कैल्प को ऑयली बना सकता है. इस ऑयल का बनना एक नेचुरल प्रोसेस है लेकिन इसके ज्यादा होने पर पिंपल्स या एक्ने की दिक्कत होने लगती है. तैलीय त्वचा वालों को दूसरों के मुकाबले खुद का ज्यादा ख्याल रखना होता है. अगर ऑयली स्किन की देखरेख में कमी की जाए तो ऐसे में डेड सेल्स जमा होने लगते हैं और काले धब्बे या डेड स्किन की प्रॉब्लम होने लगती है. देखभाल के लिए दिन ही नहीं रात में भी रूटीन को फॉलो करना चाहिए.
रात में सोने से पहले अपनी ऑयली स्किन को क्लींजर से क्लीन जरूर करें. धूल, गंदगी और उमस के चलते स्किन चिपचिपी हो जाती है और इसे साफ नहीं करने पर पिंपल्स या एक्ने बनने लगते हैं. इस तरह की स्किन के होने पर पोर्स को साफ रखना जरूरी है. पोर्स के साफ रहने पर ऑयल प्रोडक्शन को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. आप क्ले वाले फेस क्लींजर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ऑयली स्किन टाइप वालों को हफ्ते में एक बार रात के समय मुल्तानी मिट्टी या क्ले का फेस मास्क लगाना चाहिए. ये फेस मास्क स्किन को अंदर से क्लीन करता है, साथ ही डेड स्किन सेल्स को भी रिमूव करता है. रात में फेस मास्क को लगाने का नुस्खा अपनाने से सुबह स्किन फ्रेश नजर आएगी. आप मार्केट में कई ऐसे फेस मास्क ट्राई कर सकते हैं, जिन्हें स्पेशली ऑयली स्किन के लिए बनाया गया है.
चाहे स्किन ऑयली हो लेकिन इसपर भी टोनर लगाना जरूरी है. टोनर को भी स्किन टाइप के हिसाब से ही सेलेक्ट करना चाहिए. इस तरह की स्किन के लिए अल्कोहल फ्री टोनर का इस्तेमाल करें, क्योंकि ये पीएच लेवल को मेनटेन करने का काम करता है. पीएच लेवल बैलेंस में रहेगा तो ज्यादा ऑयल प्रोडक्शन नहीं होगा. इस तरह के टोनर का एक फायदा ये भी है कि इससे स्किन रात में हील भी कर पाती है.
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