होम / ये हैं 'jahannum' के असली हकदार

ये हैं 'jahannum' के असली हकदार

Mukta • LAST UPDATED : October 10, 2021, 9:09 am IST
ADVERTISEMENT
ये हैं 'jahannum' के असली हकदार

jahannum

तनवीर जाफरी

jahannum

कश्मीर घाटी में गत 5 अक्टूबर को आतंकवादियों द्वारा की गयी गोलीबारी व हत्याओं की गूंज अभी खत्म भी न होने पाई थी कि गत 8 अक्टूबर (शुक्रवार) को अफगानिस्तान के कुंदूज राज्य के उत्तर पूर्वी इलाके में एक शिया मस्जिद पर बड़ा आत्मघाती हमला कर दिया गया जिसमें लगभग एक सौ नमाजियों को हलाक कर दिया गया व सैकड़ों जख़्मी हो गए ।

इन दोनों ही हमलों में कुछ विशेषतायें समान थीं। कश्मीर में हुए हमले में जहां सिख समुदाय की एक स्कूल प्राध्यापिका सुपिंदर कौर की श्रीनगर के ईदगाह इलाके में हत्या कर दी गयी वहीं उसी स्कूल के एक अध्यापक दीपक चंद की भी गोली मार कर हत्या कर दी गयी। शहर के एक नामी केमिस्ट मक्खन लाल बिंद्रू की भी इससे पूर्व उन्हीं की केमिस्ट की दुकान पर गोली मारकर हत्या की जा चुकी है।

गत एक सप्ताह में कश्मीर घाटी में सात लोगों की हत्या की जा चुकी है। इन हत्याओं में शहीद किये गये केमिस्ट व अध्यापक जैसे ‘नोबल ‘ पेशे से जुड़े लोगों की हत्या कर देना,ऐसे लोगों को शहीद कर देना जिनका जीवन प्रत्येक कश्मीरियों के जीवन को सुधारने, संवारने व बचाने के लिये समर्पित था, एक सिख महिला शिक्षिका जो घाटी में केवल सिखों को ही नहीं बल्कि हिन्दुओं, मुसलमानों सभी को ज्ञान का प्रकाश बांटती थी, केमिस्ट मक्खन लाल बिंद्रू जैसा समाजसेवी केमिस्ट जिसने पूरा जीवन मरीजों को पैसे होने या न होने की स्थिति में शुद्ध दवाएं वितरित करने में व्यतीत किया और जिसको अपनी जन्मभूमि से इतना लगाव था कि अपने ही समुदाय के हजारों कश्मीरियों के कश्मीर छोड़ने के बावजूद घाटी में ही रहने का फैसला किया। ऐसे निहत्थे लोगों को जान से मार देना यह आखिर कैसा ‘युद्ध ‘ अथवा जिहाद है ?
अफगानिस्तान एक शिया मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले के समय भी खबरों के अनुसार शिया समुदाय के लगभग चार सौ लोग जुमे (शुक्रवार) की नमाज अदा कर रहे थे। कश्मीरी सिखों व कश्मीरी पंडितों की ही तरह शिया भी अफगानिस्तान का अल्पसंख्यक समाज है। वे भी निहत्थे थे और मस्जिद में नमाज के दौरान अल्लाह की इबादत में मशगूल थे।

jahannum

किसी आत्मघाती हमलावर ने उन्हीं के बीच आकर खुद को उड़ा दिया नतीजतन लगभग एक सौ नमाजी मारे गए। निहत्थे नमाजियों को मस्जिद में ही मारना यह तो उसी तरह का कृत्य है जैसे कि सुन्नी मुसलमानों के चौथे खलीफा और शियाओं के पहले इमाम हजरत अली को मस्जिद में इब्ने मुल्जिम नाम के स्वयं को ‘मुसलमान’ कहने वाले एक व्यक्ति के द्वारा हजरत अली को नमाज के दौरान सजदे में होने की हालत में शहीद कर दिया गया था? आश्चर्य की बात है कि आतंकी विचारधारा रखने वाले कश्मीरी आतंकी हों या तालिबानी,यह सभी हजरत अली को तो अपना खलीफा जरूर मानते हैं परन्तु इनकी ‘कारगुजारियां ‘ तो कातिल-ए-अली यानी इब्ने मुल्जिम वाली हैं ? यदि इन हत्यारों को धर्म व धर्मयुद्ध का जरा भी ज्ञान होता तो इन्हें मालूम होता कि निहत्थे पर वार करना तो दूर यदि युद्ध के दौरान किसी लड़ाके के हाथ की तलवार भी टूट जाती या हाथ से छूट जाती तो सामने वाला आक्रमणकारी अपनी तलवार को भी मियान में रख लेता क्योंकि निहत्थे पर हमला करना युद्ध नीति के विरुद्ध है।

किसी मर्द द्वारा औरतों पर हमले करने का तो सवाल ही नहीं उठता था। कमजोर, अल्पसंख्यक, निहत्थे, नमाजी अथवा इबादत गुजार लोगों की हत्या का तो दूर तक इस्लाम से कोई वास्ता ही नहीं।
परन्तु जब जब इस्लाम पर साम्राज्यवाद हावी हुआ है तब तब इस तरह की नैतिकताओं को ध्वस्त होते भी देखा गया है। हजरत अली की पत्नी व हजरत मुहम्मद की बेटी हजरत फातिमा पर इसी मानसिकता के मर्दों ने हमला किया था। उनके घर के दरवाजे में आग लगाकर जलता हुआ दरवाजा उनपर गिरा दिया गया था और उन्हें शहीद कर दिया गया। फिर हजरत अली को मस्जिद में सजदे की हालत में इब्ने मुल्जिम द्वारा पीछे से सिर पर वार कर शहीद कर दिया गया।

इसी तरह इराक स्थित करबला में हजरत इमाम हुसैन के एक घुड़सवार के मुकाबले सैकड़ों यजीदी सैनिक लड़ते थे और तलवारें टूटने व छूटने के बाद भी लड़ते और हुसैन के भूखे प्यासे सैनिक को शहीद कर देते।

औरतों को गिरफ़्तार करना, उनके हाथों व गलों में रस्सियां बांधना, उन्हें बे पर्दा बाजारों में फिराना यह सब यजीदी दौर-ए-हुकूमत का चलन था। करबला में भी यजीद इस्लामी साम्राजयवाद के अस्तित्व व विस्तार की लड़ाई लड़ रहा था और तालिबानी भी वही लड़ाई लड़ रहे हैं। गोया अफगानिस्तान-पाकिस्तान से लेकर कश्मीर तक जहाँ भी ऐसी आतंकवादी घटनायें घटित हों जिनमें अल्पसंख्यकों की हत्याएं की जा रही हों, औरतों, बच्चों व बुजुर्गों को मारा जा रहा हो, निहत्थों पर हमले हो रहे हों तो यही समझना चाहिये कि यह मुसलमानों या इस्लामी समुदाय से जुड़े लोग नहीं बल्कि यह उस यजीदी विचारधारा के लोग हैं जिसने करबला में हजरत मुहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन के पूरे परिवार को इसी लिये कत्ल कर दिया था क्योंकि वे यजीद के जुल्म व अत्याचार के शासन के विरुद्ध थे और उस जैसे व्यक्ति को इस्लामी शासन के प्रतिनिधि होने के दावे को खारिज करते थे।
विश्व के उदारवादी समाज को विशेषकर उदारवादी व प्रगतिशील मुसलमानों को यह समझना होगा कि आखिर क्या वजह है और कौन सी वह विचारधारा है कौन लोग हैं जो आज भी गुरद्वारों, मंदिरों व मस्जिदों पर हमले करते हैं ? कौन हैं वह लोग जो आज भी इमामों के रौजों, पीरों फकीरों की दरगाहों, इमाम बारगाहों, मजहबी जुलूसों, स्कूलों, बाजारों जैसी अनेक सार्वजनिक जगहों पर बेगुनाहों व निहत्थों का खून बहाते फिरते हैं।

इन सभी आतंकियों के आकाओं द्वारा इनको यही समझाया जाता है कि आतंकी मिशन को ‘जिहाद’ कहा जाता है और इस दौरान मरने वाले को ‘शहादत ‘ का दर्जा हासिल होता है तथा बेगुनाहों व निहत्थों को मार कर वापस आने पर उन्हें ‘गाजी’ के लकब से नवाजा जाता है और इन सब के बाद मरणोपरांत उन्हें जन्नत नसीब होगी।’ परन्तु यह शिक्षा पूरी तरह गैर इस्लामी व गैर इंसानी है। ऐसे वहशी लोग तो जन्नत के नहीं बल्कि जहन्नुम के असली हकदार हैं।

Also Read : Health Tips आंख से दिल की बीमारी का पता लगाना हुआ आसान, रेटिना की स्कैनिंग बताएगी स्ट्रोक का जोखिम

Connect With Us : Twitter Facebook

 

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

रामगढ़ उपचुनाव में NDA की जीत पर श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह का बयान, पढ़ें यहां
रामगढ़ उपचुनाव में NDA की जीत पर श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह का बयान, पढ़ें यहां
लाशों के ढेर से मुस्लिमों के राज तक, 2025 से सच होने लगेंगी बाबा वेंगा की ये 3 बड़ी भविष्यवाणियां, जानें कैसे खत्म होगा कलियुग
लाशों के ढेर से मुस्लिमों के राज तक, 2025 से सच होने लगेंगी बाबा वेंगा की ये 3 बड़ी भविष्यवाणियां, जानें कैसे खत्म होगा कलियुग
Haryana News: हरियाणा में हाथी पर सवार होकर दूल्हे ने की बिना दहेज की शादी, 1 रुपये का दिया शगुन
Haryana News: हरियाणा में हाथी पर सवार होकर दूल्हे ने की बिना दहेज की शादी, 1 रुपये का दिया शगुन
कांगड़ा में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर, मतदाता सूचियों को किया जा रहा है अपडेट
कांगड़ा में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर, मतदाता सूचियों को किया जा रहा है अपडेट
Jharkhand Assembly Election Result: हेमंत सोरेन की आंधी में उड़ी BJP, जानिए प्रदेश में इंडिया अलायंस की जीत के वो 5 महत्वपूर्ण कारण
Jharkhand Assembly Election Result: हेमंत सोरेन की आंधी में उड़ी BJP, जानिए प्रदेश में इंडिया अलायंस की जीत के वो 5 महत्वपूर्ण कारण
 Delhi Air Pollution: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय देर रात पहुंचे सिंघु बॉर्डर, रोजाना लौटाए जा रहे 165 ट्रक
 Delhi Air Pollution: पर्यावरण मंत्री गोपाल राय देर रात पहुंचे सिंघु बॉर्डर, रोजाना लौटाए जा रहे 165 ट्रक
अमेरिका का ये पावरफुल दोस्त Netanyahu को करेगा गिरफ्तार! दुनिया के सबसे ताकतवर देश में क्यों मची हलचल?
अमेरिका का ये पावरफुल दोस्त Netanyahu को करेगा गिरफ्तार! दुनिया के सबसे ताकतवर देश में क्यों मची हलचल?
फूलपुर में मतगणना के बीच अचानक मची अफरा तफरी, BJP एजेंट को आईं चोटें
फूलपुर में मतगणना के बीच अचानक मची अफरा तफरी, BJP एजेंट को आईं चोटें
Maharashtra Results 2024: Maharashtra में हार का मुंह देखते ही उद्धव ठाकरे का हुआ ऐसा हाल, रोने लगे उनके तेज-तर्रार दूत!
Maharashtra Results 2024: Maharashtra में हार का मुंह देखते ही उद्धव ठाकरे का हुआ ऐसा हाल, रोने लगे उनके तेज-तर्रार दूत!
क्या Aishwarya से तलाक लेने पर Abhishek Bachchan से ग़ुस्सा है Amitabh Bachchan, परिवार को लेकर भी ये क्या बोल गए Big-B?
क्या Aishwarya से तलाक लेने पर Abhishek Bachchan से ग़ुस्सा है Amitabh Bachchan, परिवार को लेकर भी ये क्या बोल गए Big-B?
उपचुनाव के बीच सपा का बड़ा आरोप, बोले-“मतदान के दौरान लाठी चार्ज किया गया”
उपचुनाव के बीच सपा का बड़ा आरोप, बोले-“मतदान के दौरान लाठी चार्ज किया गया”
ADVERTISEMENT