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इंडिया न्यूज़ (दिल्ली, What is the Difference between Cardiac Arrest and Heart Attack): कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक यह दो ऐसे शब्द है जो पिछले कुछ दिनों से भारत के लोग काफी सुन रहे है क्योंकि बुजुर्गों में हार्ट अटैक होता है ऐसा माना जाता था लेकिन अब बड़ी मात्रा में युवाओं में भी यह देखा जा रहा है।
कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक को लोग सामान्यता एक ही मानते है पर इन दोनों में काफी अंतर है। आइये आपको बताते है-
कार्डिएक अरेस्ट तब होता है जब दिल में खराबी आ जाती है और अप्रत्याशित रूप से धड़कना बंद हो जाता है। कार्डिएक अरेस्ट एक “इलेक्ट्रिकल” समस्या है।
कार्डिएक अरेस्ट दिल में एक “इलेक्ट्रिकल” खराबी के कारण होता है जो अनियमित दिल की धड़कन (एरिथिमिया) का कारण बनता है। इसकी पम्पिंग क्रिया बाधित होने से, हृदय मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों तक रक्त पंप नहीं कर सकता है।
कार्डिएक अरेस्ट होने पर व्यक्ति कुछ सेकंड के बाद कोई प्रतिक्रिया करना बंद कर देता है। वह सांस नहीं ले रहा होता है या केवल हांफ रहा होता है। अगर पीड़ित को इलाज नहीं मिलता है तो मिनटों के भीतर मौत हो जाती है।
कार्डिएक अरेस्ट होने पर क्या करें
कुछ पीड़ितों में कार्डिएक अरेस्ट को ठीक किया जा सकता है यदि इसका कुछ ही मिनटों में इलाज कर दिया जाए। सबसे पहले, अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें और तुरंत सीपीआर शुरू करें। यदि एक स्वचालित बाहरी डीफिब्रिलेटर (एईडी) उपलब्ध है, तो इसे जल्द से जल्द उपयोग करें। कार्डिएक अरेस्ट सालाना हजारों लोगों को प्रभावित करता है।
सीपीआर का फुल फुलफॉर्म है Cardiopulmonary Resuscitation (CPR)। इसके लिए डॉक्टर की जरूरत नहीं होती है आप इसे खुद दे सकते है।
कैसे दिया जाता है CPR ?
सबसे पहले आप अपने दोनों हाथों को एक दूसरे के ऊपर रखते हुए उंगलियों को आपस में फंसा लें फिर अपने हाथों को अच्छी तरह से लॉक कर ले। सीने के बीच में यानि सेंट्रल बोन में निचले तिहाई पार्ट में आपको हार्ड और फास्ट कंप्रेशन कंप्रेशन (दबाना) शुरु करना है इसके बाद 2 माउथ ब्रेथ देनी हैं यानि मरीज के मुंह में अपने मुंह से सांस भरनी है।
माउथ ब्रेथ देने के लिए आप मरीज की नाक को पकड़कर सिर को थोड़ा पीछे की ओर कर ले जिससे सांस की नली खुल जाए, जबड़े को नीचे की ओर खींचें और फिर ब्रेथ दे। 1 मिनट में करीब 100 से 120 बार हार्ड और फास्ट तरीके से इसे करे। 30 कंप्रेशन पर 2 माउथ ब्रेथ दे।
दिल का दौरा तब होता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। दिल का दौरा एक “सर्कुलेशन” समस्या है। एक अवरुद्ध धमनी (Artery) ऑक्सीजन युक्त रक्त को हृदय के एक हिस्से तक पहुँचने से रोकती है।
यदि अवरुद्ध धमनी को जल्दी से फिर से नहीं खोला जाता है, तो उस धमनी द्वारा सामान्य रूप से पोषित हृदय का हिस्सा मरना शुरू हो जाता है।
दिल के दौरे के लक्षण तत्काल हो सकते हैं और इसमें छाती या शरीर के ऊपरी हिस्से के अन्य क्षेत्रों में तीव्र बेचैनी, सांस की तकलीफ, ठंडा पसीना और उल्टी शामिल हो सकते हैं।
अधिकतर लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और दिल का दौरा पड़ने से पहले घंटों, दिनों या हफ्तों तक बने रहते हैं। कार्डियक अरेस्ट के विपरीत, दिल का दौरा पड़ने पर दिल आमतौर पर धड़कना बंद नहीं करता है।
व्यक्ति जितना अधिक समय तक उपचार के बिना रहेगा, नुकसान उतना ही अधिक होगा। महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते है।
अगर आप सुनिश्चित है तो भी और नहीं हैं तो भी की यह दिल का दौरा है, तुरंत अपने स्थानीय आपातकालीन नंबर पर कॉल करें। हर मिनट मायने रखता है। स्वास्थ्य कर्मचारियों को किसी ऐसे व्यक्ति को पुनर्जीवित करने के लिए विशेष प्रशिक्षित किया जाता है जिसका दिल रुक गया हो।
दोनों में क्या है जुड़ाव?
अधिकांश दिल के दौरे से कार्डियक अरेस्ट नहीं होता है। लेकिन जब कार्डियक अरेस्ट होता है, तो हार्ट अटैक एक सामान्य कारण होता है। अन्य स्थितियाँ भी हृदय की लय को बाधित कर सकती हैं और कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकती हैं।
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