बिजनेस की भाषा (An angel investor is also called a private investor, seed investor or angel funder) : अगर ये इन्वेस्टर आगे आकर छोटे बिजनेस या स्टार्टअप में पैसा नहीं लगाएंगे तो देश में उद्यमियों और नए बिजनेस की कमी भी हो सकती है क्योंकि बिजनेस को बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है।
हर इंसान ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है ताकि सारी सुख सुविधाएं पा सके, इसके लिए कोई नौकरी करता है तो कौई बिजनेस। जिस व्यक्ति के पास फाइनेंशियल सपोर्ट होता है वह आसानी से अपने व्यापार को बना और बढ़ा सकता है। लेकिन जन लोगों के पास कोई भी फाइनेंशियल बैकग्राउंड नहीं होता वो अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए वैसे व्यक्ति कि तालाश करते हैं जो उनके बिजनेस में पैसा लगा सके।
कोई भी बिजनेस करने के लिए उसे शुरु यानी स्टार्ट करना होता है, जिसे स्टार्टअप कहते है। जिन लोगों के पास पैसे नहीं होते वह अपनी इस स्टार्टअप में इन्वेस्टमेंट करवाने लिए किसी इन्वेस्टर को ढूढ़ते हैं। चूंकि यह स्टार्टअप प्रोफिट के लायक है या नहीं इसका अंदाजा अभी नहीं है इसलिए आमतौर पर इन्वेस्टर स्टार्टअप या छोटे बिजनेस में पैसा नहीं लगाते। ऐसे में कोई एक ऐसा व्यक्ति जिसे इस स्टार्टअप पर भरोसा हो और वह अपने पैसे इस स्टार्टअप या छोटे बिजनेस में लगाता है उसे एंजल इन्वेस्टर कहते हैं। एंजल इन्वेस्टर, जिसे निजी निवेशक, सीड निवेशक या एंजेल फंडर के रूप में भी कहते है, एक हाई नेट वर्थ वाला व्यक्ति होता है जो छोटे स्टार्टअप या उद्यमियों को आमतौर पर कंपनी में स्वामित्व इक्विटी के बदले में वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
इन्वेस्टर, कंपनी को पैसे देकर उसे हकीकत में जमीन पर उतारने में मदद करने के लिए एक बार का निवेश करते हैं। यह पैसा कंपनी को कर्ज या कंपनी में कुछ प्रतीशत इक्वीटी के बदले में दिए जाते है। अगर ये इन्वेस्टर आगे आकर छोटे बिजनेस या स्टार्टअप में पैसा नहीं लगाएंगे तो देश में उद्यमियों और नए बिजनेस की कमी भी हो सकती है। हर इंसान के पास कोई न कोई बिजनेस आडिया होता है बस जरूरत होती है एक ऐसे व्यक्ति की जो उसे इस आडिया में स्पोर्ट कर सके और उसके इस आडिया में निवेश कर सके।
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