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इंडिया न्यूज़,दिल्ली:(Ashish Mishra gets Bail in Lakhimpur Kheri Case)लखीमपुर खीरी केस मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बुधवार को जमानत मिल गई है। उस पर लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने का आरोप है। आशीष को आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।
कोर्ट ने 19 जनवरी को आशीष मिश्रा की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। यूपी सरकार ने आशीष मिश्रा को जमानत देने का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया था। योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह दलील दी थी कि ये बेहद गंभीर मामला है औऱ इसमें आरोपी को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।
उत्तर प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल गरिमा प्रसाद ने मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया। इस जमानत याचिका के विरोध में सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने भी कहा कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा। एडवोकेट दुष्यंत के मुताबिक यह सोची समझी साजिश के तहत सुनियोजित हत्याकांड था। चार्जशीट यह बात साबित करती है। वो एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति का बेटा है और एक प्रभावशाली वकील उनका केस लड़ रहा है। वहीं आशीष मिश्रा के वकील मुकुल रोहतगी ने दवे की इस दलील पर कड़ा विरोध जताया है।
आशीष मिश्रा के वकील रोहतगी ने स्पष्ट कहा है कि आशीष मिश्रा एक साल से ज्यादा समय से न्यायिक हिरासत में है। निचली अदालत में सुनवाई होने में करीब 7-8 वर्षों का समय लग जाएगा। केस में शिकायतकर्ता जगजीत सिंह चश्मदीद गवाह नहीं है। उसकी शिकायत सिर्फ कही सुनी बातों पर आधारित है। .आशीष मिश्रा का इससे पहले कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इस केस के अन्य आरोपियों ने माना है कि उन्होंने किसानों को बेरहमी से कुचला। लेकिन ऐसे शख्स के बयान पर FIR दर्ज कर ली गई, जो घटनास्थल का चश्मदीद था ही नहीं।
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी। जिसमें 4 किसानों ,एक ड्राइवर,एक पत्रकार और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की बाद में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उस समय ये प्रदर्शनकारी किसान उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की एक रैली का विरोध करने रपहुंचे थे। यूपी पुलिस की एफआईआर के मुताबिक 4 किसानों को जो थार एसयूवी ने कुचला था, उसमें आशीष मिश्रा भी बैठा था।
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