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Durga Ashtami 2021 : 7 अक्टूबर का शुरू हुए शारदीय नवरात्रि का कल महाष्टमी व्रत या दुर्गा अष्टमी व्रत है। शारदीय नवरात्रों में इस व्रत का विशेष महत्व होता है। जो लोग नवरात्रि के पहले दिन व्रत रखते हैं, वे दुर्गा अष्टमी का भी व्रत रखते हैं। भक्तगण दुर्गा अष्टमी वाले दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की आराधना करते हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव को पाने अपने पति के स्वरूप में पाने के लिए कई वर्षों तक मां पार्वती ने कठोर तप किया था, जिससे उनके शरीर का रंग काला हो गया था। जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए तो उन्होंने मां पार्वती को गौर वर्ण का वरदान दिया था। इससे मां पार्वती महागौरी भी कहलाईं जातीं हैं।
महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी के दिन व्रत करने और मां महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आज हम आपको बताएंगे दुर्गा अष्टमी की सही तिथि, व्रत एवं पूजा विधि, मंत्र आदि क्या हैं? दुर्गा अष्टमी के दिन कई स्थानों पर कन्या पूजन और हवन का आयोजन भी किया जाता है।
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Durga Ashtami 2021
इस शारदीय नवरात्र में महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी की सही तारीख को लेकर भक्तों में दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को ही महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है। इस बार आश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर दिन मंगलवार की रात 09:47 बजे से होगा, जो 13 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 08:07 बजे तक रहेगा।
सुकर्मा योग को मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है और इस बार दुर्गा अष्टमी सुकर्मा योग में है। दुर्गा अष्टमी पर राहुकाल दोपहर 12:07 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक रहेगा।
हाथ में जल और अक्षत लेकर दुर्गा अष्टमी व्रत करने तथा मां महागौरी की पूजा करने का संकल्प लें। पूजा स्थान पर मां महागौरी या दुर्गा जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें। अगर आपने कलश की स्थापना की है, तो उसी स्थान पर मां महागौरी पूजा करें। पूजा में मां महागौरी को सफेद और पीले फूल अर्पित करें, नारियल का भोग लगाएं। ये सभी कार्य करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं। पूजा के समय महागौरी बीज मंत्र “श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:” का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें।
दुर्गा अष्टमी के दिन नौ दुर्गा के लिए हवन का आयोजन भी किया जाता है। आरती के बाद हवन सामग्री अपने पास रखें। कपूर से आम की सूखी लकड़ियों को जला लें। अग्नि प्रज्ज्वलित होने पर हवन सामग्री की आहुति दें।
(Durga Ashtami 2021)
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