महाशिवरात्रि को लेकर शिव भक्तों में खुशी और उत्साह है इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी। मध्य प्रदेश के 10 शहर ऐसे हैं जहां भगवान भोलेनाथ के ऐतिहासिक प्राचीन सिद्ध मंदिर हैं। महाशिवरात्रि पर मध्य प्रदेश के ये शहर दुल्हन की तरह सज जाएंगे। इन ऐतिहासिक मंदिरों में सप्ताह भर पहले से ही महाशिवरात्रि की तैयारियां चल रही हैं। प्रतिदिन भगवान भोलेनाथ का आकर्षक श्रृंगार किया जा रहा है।
क्षिप्रा नदी के तट पर बसे उज्जैन शहर का महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख है। मध्य प्रदेश में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र निवास स्थान है उज्जैन जिसका प्राचीन नाम अवन्ति नगरी था, जिसकी स्थापना चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने की थी.भारत में लगने वाले कुंभ मेले के चार स्थानों में से एक है। महाकालेजश्वर मंदिर की दिव्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने से अकात मृत्यु नहीं होती। महाशिवरात्रि पर्व को लेकर यहां आकर्षक तैयारियां की जा रही हैं।
पचमढ़ी में चौरागढ़ सतपुड़ा की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है,धूपगढ़ सतपुड़ा रेंज का सबसे ऊंचाई स्थान है। चौरागढ़ की चोटी पर भगवान शिव मंदिर का अद्भूत मंदिर है। मंदिर के सामने शिखर के शीर्ष पर लगभग दो लाख त्रिशूल है,जो भक्तों द्वारा भगवान शिव को अर्पित किए गए हैं। पंचमगढ़ क्षेत्र में अनेक शिव मंदिर और प्रसिद्ध गुफाएं हैं। इनमें भगवान शिव का निवास है।
महेश्वर में स्थित जलेश्वर मन्दिर भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण मन्दिर है। मन्दिर में स्थापित इष्टदेव की पूजा जल के देवता के रूप में होती है। जलेश्वर मन्दिर को इस तथ्य को स्थापित करने के लिये निर्मित किया गया कि स्वर्ग से गंगा नदी के अवतरित होते समय पृथ्वी पर होने वाले नुकसान से भगवान शिव ने बचाया था। खरगोन जिले का महेश्वर शहर अहिल्या किला, भगवान राम मंदिर, दत्त मंदिर और नर्मदा नदी के घाटों के लिए अति प्रसिद्ध है।
गुप्तेश्वर पीठाधीश्वर स्वामी मुकुंददास महाराज ने बताया कि पुराणों के अनुसार जब भगवान श्रीराम, अनुज लक्ष्मण के साथ संत सुतीक्षण के आश्रम से विदा लेते हैं तब वे महर्षि जाबालि ऋषि को न पाकर उन्हें खोजने निकल पड़ते हैं। नर्मदा के उत्तर तट पर एकांतवास में तपस्यारतï जाबालि ऋषि को प्रसन्न करने व आशीष देने के लिए भगवान यहां आए थे। जबलपुर शहर में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा भी है और यह मप्र का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है।
खजुराहो की कंदरिया महोदव मंदिर सबसे बड़ा अलंकृत हिंदू मंदिर है। इसे चंदेल वंश के शासन के दौरान बनाया गया था। मंदिर परिसर में 282 मीटर की ऊंचाई पर छह वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और यह भगवान विष्णु, भगवान सूर्य, देवी शक्ति और तीर्थंकरों को समर्पित कई प्रसिद्ध मंदिरों का क्षेत्र है।
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