इंडिया न्यूज़: (Thackeray said EC decision is dangerous for democracy) महाराष्ट्र राजनीति में चल रही उठक-पटक के बीच हाल ही में चुनाव आयोग की तरफ से एक ऐसा फैसला आया है जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में मानो आग सी लग गई हो। तरह-तरह के विवादित बयान सामने आ रहे हैं। वहीं उद्धव गुट के सांसद संजय राउत भड़के नजर आ रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को गलत तक बता दिया है। राउत के मुताबिक, ये फैसला ‘लोकतंत्र की हत्या’ है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने आगे कहा कि ‘धनुष और तीर’ के जाने से शिवसेना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि लोग नए चुनाव चिह्न को भी स्वीकार कर लेंगे। साथ ही 1978 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को एक नया प्रतीक चुनना पड़ा था और इससे पार्टी पर किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ा था।
वहीं शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने भी निर्वाचन आयोग के इस फैसले को ‘लोकतंत्र के लिए खतरनाक’ बताया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अब चुनाव आयोग भी केंद्र सरकार का गुलाम बन गया है और अब आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट ही है। अगर ये भी उम्मीद खत्म हो गई तो हमें हमेशा के लिए चुनाव करवाना बंद करना होगा और फिर एक ही व्यक्ति शासन करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घोषणा करनी चाहिए कि आजादी के 75 साल बाद देश अब लोकतंत्र नहीं बल्कि निरंकुशता की ओर बढ़ रहा है।
चुनाव चिह्न खोने को लेकर ठाकरे ने कहा ‘शिंदे समूह ने भले ही कागज पर तीर-कमान का चिह्न चुरा लिया हो, लेकिन असली धनुष और तीर जिसकी बालासाहेब ठाकरे पूजा करते थे, वह मेरे पास है।’ साथ ही महाराष्ट्र की जनता हमारे साथ है। ठाकरे ने शिंदे गुट के लिए ‘चोर’ शब्द का भी इस्तेमाल किया है।
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