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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (Business Learning: Companies have to pay various costs and expenses in order to continue their business) : बिज़नेस में कई तरह के खर्चे होते हैं, उसी में से एक है कैपक्स और ओपेक्स। देश में तेजी से बढ़ रहे बिजनेस की लहर के बीच अब हर किसी के मन में अपना कारोबार करने की चाहत होती है लेकिन यह करना इतना आसान नहीं होता। बिजनेस लर्निंग सीरीज में आज हम आपको आसान भाषा में बताएंगे की यह कैपेक्स और ओपेक्स क्या होता है और आपको यह जानना क्यों जरूरी है।
कैपेक्स (CapEx) का पूरा नाम कैपिटल एक्सपेंडिचर होता है। देखिए किसी भी कंपनी को अपना बिजेनस बड़ा करने से पहले उसपर कुछ खर्च करना पड़ता है जिसके बाद आपका बिजनेस तेजी से बढ़ता है। कैपेक्स वो खर्चे होते हैं जो कंपनी लॉन्ग टर्म एसेस्ट में करती है जैसे की प्लांट, मशीन,भवन, प्रौद्योगिकी इत्यादि। एक उदाहरण से समझए की लॉन्ग टर्म एसेस्ट में खर्च करने का क्या होता है ?
मान लिजिए आपका कोई मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस है। मैन्यूफैक्चरिंग के लिए आप जो मशीन या फैक्टरी लगाएंगे उसका जो खर्च होगा उसे कैपेक्स कहेंगे। इसी प्रकार बिजनेस के लिए खरीदी गई जमीन, वाहन इत्यादि पर हुए खर्च को भी कैपेक्स ही कहेंगे। कैपेक्स का उपयोग अक्सर किसी कंपनी द्वारा नई परियोजनाएँ या निवेश करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार का वित्तीय परिव्यय कंपनियों द्वारा अपने संचालन के दायरे को बढ़ाने या संचालन में कुछ भविष्य के आर्थिक लाभ जोड़ने के लिए किया जाता है।
ओपेक्स (OpEx) का पूरा नाम ऑपरेशनल एक्सपेंडिचर होता है। अब आपने मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस तो शुरू कर लिया और साथ ही साथ मशीनें भी खरीद ली लेकिन अब उस बिजनेस को चलाने के लिए जो खर्च होंगे उसे ओपेक्स कहा जाता है। आसान भाषा में कंपनी के रोजमर्रा के खर्चे को ओपेक्स कहा जाता है।
ओपेक्स को और अच्छे से समझने के लिए इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझिए। दिन-प्रतिदिन के कार्यों को चलाने के लिए खर्चों का मतलब मार्केटिंग, पीपल कोस्ट, किराया और उपयोगिताओं, मजदूरी और वेतन, लेखा और कानूनी शुल्क, ओवरहेड लागत जैसे बिक्री, सम्पत्ति कर, व्यापार हेतु यात्रा, अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) पर खर्च हुए पैसों, इत्यादि जैसे खर्च शामिल हैं।
एक नागरिक के तौर पर आपको बिजनेस की शब्दावलि को जानना जरूरी है ताकि आप किसी भी बिजनेस को आसानी से समझ जाएं, उसके खर्चे को समझ जाएं और अगर आपने इसे समझ लिया तो फिर आप भी अपना व्यापार शुरू कर सकते हैं या फिर दूसरे के बिजनेस को समझ कर उसकी गलतियों से सीखें।
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