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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
पूर्वोत्तर के 5 विद्रोही समूहों ने केंद्र सरकार के साथ ऐतिहासिक कार्बी आंगलांग समझौते पर हस्ताक्षर किया है। समझौते के वक्त गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा भी मौजूद थे। यह समझौता गृह मंत्रालय के दिल्ली स्थित नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय में हुआ है। इस समझौते के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं सभी जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि 5 संगठन और असम सीएम समझौते के सभी शर्तों को समय रहते पूरा करेंगे। इससे कार्बी अनलांग क्षेत्र में लंबे समय तक शांति बनी रहेगी। असम के सीएम हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि इस समझौते के तहत 1,000 उग्रवादी आत्मसमर्पण करेंगे। कई हथियार भी सरेंडर किये जाएंगे। फिर से शांति बहाली होगी। यह एक बड़ी उपलब्धि है। इस समझौते के बाद गृहमंत्री ने कहा, जहां तक कार्बी-आंगलोंग का सवाल है असम सरकार विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी। ये बहुत बड़ी बात है। आज जब समझौता हो रहा है तो मैं यह जरूर कहता हूं कि नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है कि जो समझौते को हम करते हैं उसकी सभी शर्तों को हमारे ही समय में पूरा करते हैं। ये हमारा रिकॉर्ड है। चाहे बोडोलैंड का समझौता हो, ब्रू समझौता हो, चाहे त्रिपुरा के एनएलएफटी का समझौता हो, इनकी 80 फीसदी शर्तें पूरी हो चुकी हैं और बोडोलैंड में सबकुछ पूरा हो चुका है। कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है, जो कई गुटों और टुकड़ों से घिरा हुआ है। कार्बी समूह का इतिहास 1980 के दशक के उत्तरार्ध से हत्याओं, जातीय हिंसा, अपहरण और कराधान से जुड़ा रहा है। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने समझौते के बाद कहा कि कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। नए समझौते के तहत, पहाड़ी जनजाति के लोग भारतीय संविधान की अनुसूची 6 के तहत आरक्षण के हकदार होंगे।
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