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बिज़नेस डेस्क/नई दिल्ली (The opposition party accuses central govt. that center is handing over all government properties to private players): देश की सरकारी संपत्ती निजी हाथों में देने के विपक्ष के आरोपों पर कल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया। विपक्षी पार्टी खास तौर पर कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर लगातार यह आरोप लगाती है कि केंद्र की मोदी सरकार एक-एक कर सभी सरकारी संपत्तीयों को निजी प्लेयर्स के हाथों में दे रही है। इन्हीं आरोपों पर वित्त मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार सब कुछ बेचने के लिए हड़बड़ी में पागल नहीं है और विपक्ष विनिवेश का अर्थ पूरी तरह से समझता है, लेकिन फिर भी कहेगा कि “आप इसे बेच रहे हैं”।
दिल्ली में रायसीना डायलॉग के आठवें संस्करण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा, “सरकार सब कुछ बेचने के लिए पागल नहीं है। रणनीतिक हित के कारण, आपको (सरकार को) दूरसंचार जैसे क्षेत्र में होना होगा। इन फर्मों को पेशेवर तरीके से चलाया जाएगा। निर्मला सितारमण ने कहा “विपक्ष पूरी तरह से विनिवेश के अर्थ को समझता है लेकिन फिर भी कहेगा कि आप इसे बेच रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमने चार प्रमुख क्षेत्रों की घोषणा की है जहां हमने कहा है कि सरकार की कम से कम न्यूनतम उपस्थिति होगी लेकिन उन्हें निजी क्षेत्र के लिए भी खोल दिया गया है।” सितारमण ने कहा “भारत में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो निजी क्षेत्र के कार्य करने के लिए उपलब्ध नहीं है। निर्मला सितारमण ने कहा कि वैसी संस्थाएँ जो बहुत छोटे या अस्थिर हैं या स्केलेबल नहीं हैं वहां अगर कोई संभावना है, तो हम उन्हें मिश्रण करने की कोशिश करेंगे ताकि बड़ी इकाई या टिकाऊ इकाई बन सके जो खुद ही अपनी जरूरतों का ख्याल रखें।
वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने कहा कि विनिवेश उन सरकारी संपत्तियों के लिए किया जा रहा है जो जो मौजूद हैं लेकिन उनका ठीक से उपयोग नहीं किया गया है या जो कि राजस्व उत्पन्न नहीं कर रहे हैं ऐसी कंपनियों का मुद्रीकरण किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रीकरण का मतलब ऐसा नहीं है कि मैं इसे बेच रही हूं। सीतारमण ने कहा, “इसका मतलब है कि कुछ मूल्य का आकलन किया जाता है और इसका उपयोग करके या उत्पादक उपयोग में डालकर क्या नया बनाया जा सकता है।”
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