CRPF Women daredevil bikers: पूरा देश और भारत सरकार आजादी के 75वें साल में ‘आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है। इसके लिए देश में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ये सभी कार्यक्रम 15 अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे। इसी कड़ी में सीआरपीएफ की 75 महिलाओं का दस्ता दिल्ली से जगदलपुर पहुंचेगा। खास बात ये है कि ये महिलाएं नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर के जगदलपुर में पहुचेंगी और पूरे देश में अपनी छाप छोड़ेंगी।
खास बात ये है कि सीआरपीएफ की महिला बाइकर अपनी बहादुरी को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं। इन महिला बाइकर्स ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए गठित कोबरा बटालियन में भी अपना दमखम दिखाया है। कानून व्यवस्था हो या फिर किसी भी प्रकार की सुरक्षा को लेकर सदैव ही सीआरपीएफ की महिलाएं अपनी ड्यूटी की प्रति आगे रही हैं। ऐसा माना जा रहा है यह दस्ता, महिलाओं को आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर कई तरह के संदेश देगा।
75 महिला बाइकर्स का दस्ता दिल्ली के इंडिया गेट से छत्तीसगढ़ तक करीब 1848 किलोमीटर की दूरी 16 दिन में तय करेगा। 9 मार्च को इंडिया गेट पर इन बाइकर्स को हरी झंड़ी दिखाई जाएगी। बता दें कि महिला बाइकर दस्ता आगरा, ग्वालियर, शिवपुरी, भोपाल, नागपुर, भांद्रा, रायपुर और कोंडागांव होते हुए नक्सली क्षेत्र जगदलपुर पहुंचेगा।
पिछले साल 19 मार्च को ‘सीआरपीएफ डे’ के तौर पर मनाया जाता है। इसमें खास बात ये है कि अभी तक किसी भी अर्धसैनिक बल किसी भी प्रकार का विशेष दिवस या ‘डे’ नहीं मनाया जाता है। हालांकि, इसे मनाने के पीछे भी सीआरपीएफ हेडक्वार्टर की ओर से तर्क दिया गया है। तर्क ये है कि सरदार वल्लभाई पटेल ने 1950 में 19 मार्च के दिन ही सीआरपीएफ को झंडा यानी ‘प्रेजीडेंट कलर्स’ प्रदान किया था। ये देश का इकलौता ऐसा र्धसैनिक बल है, जिसकी स्थापना आजादी से पहले हुई थी। वहीं जिस तरह ‘आर्मी डे’ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है उसी प्रकार ‘सीआरपीएफ डे परेड’ पिछले साल से आयोजित की जाती है।
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