संबंधित खबरें
2025 में इस नाम वाले लोगों पर होगी पैसों की बरसात, बाबा वेंगा ने कर दी बड़ी ये भविष्यवाणी, इन 5 राशियों के लिए खुलेगा किस्मत का दरवाजा
इस मुस्लिम शासक ने मस्जिदों को शिक्षा का केंद्र…संस्कृत ग्रंथों का फारसी में करवाया अनुवाद, फिर भी हिंदुओं से करता था नफरत, मां थीं हिंदू सुनार
अंतिम संस्कार कर घर गया परिजन, जब सुबह अस्थियां लेने गया तो हुआ कुछ ऐसा…बुलानी पड़ गई पुलिस
रशियन लड़कियों की इस एक चीज के दिवाने हैं भारत के लड़के, देश की इन 3 जगहों पर मिलेंगी ज्यादा रूसी महिलाएं
छात्र को नशा देकर महिला टीचर ने 20 से अधिक बार बनाया संबंध, आफ्टर स्कूल कार्यक्रम के बहाने करती थी ये घिनौना काम, अब कोर्ट ने दी ऐसी सजा नहीं भूल पाएंगी 7 पुश्तें
पकड़ा Akhilesh Yadav का खेल? CM Yogi के सिंघमों को बदनाम करने की कोशिश फेल…वीडियो ने खोली पोल
Zombie Virus: कोरोना वायरस को लेकर खौफ अभी भी लोगों के मन में है। इसी बीच अब जॉम्बी वायरस को लेकर खबरें हैं। ऐसे में लोगों के मन में एक सवाल भी है कि क्या ये वायरस कोरोना का तरह खतरनाक है? इससे लोगों को कितना खतरा हो सकता है? साथ ही एक सवाल ये भी है कि आखिर ये वायरस है क्या? क्योंकि खबरें ये हैं कि वैज्ञानिकों ने करीब 48,500 साल बाद इसे खोजा है। तो चलिए जानते हैं।
ऐसी बर्फ जो कि मिट्टी के नीचे जमी होती है उसे पर्माफ्रॉस्ट कहा जाता है। वैज्ञानिकों की मानें तो आर्कटिक का गर्म तापमान क्षेत्र पर्माफ्रॉस्ट को पिघला रहा है। इसकी वजह से हजारों सालों से सोए हुए वायरस जो हैं अब जाग सकते हैं जो कि पूरी ही दुनिया के लिए घातक साबित हो सकते हैं।
पर्माफ्रॉस्ट की बात करें तो ये एक प्रकार के टाइम कैप्सूल की तरह है। इसमें कई साल पुराने जीवों के शव और वायरस बचे हुए रहने की संभावना है। वहीं आपके लिए ये भी जानना जरूरी है कि बाकी जगहों के मुकाबले पृथ्वी पर आर्कटिक चार गुना गर्म रहता है। इसके वजह से यहां बर्फ या फिर पर्माफ्रॉस्ट पिघल रही है जो कि वाकई आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकता है।
फरवरी में एक ऐसी खबर आई जिसके बाद से ही लोगों में खौफ है। खबर ये थी कि वैज्ञानिकों की एक टीम ने कई साल पुराने वायरस को फिर से जिंदा किया है। ये वायरस अमीबा कोशिकाओं को भी इनफेक्ट कर सकते हैं।
जर्नल वायरस में छपे अपने लेटेस्ट शोध में क्लेवेरी और उनकी टीम ने कई वायरस को फिर जिंदा किया। हैरान करने वाली बात ये है कि टीम की ओर से करीब 5 नए वायरस को खोजा गया। इन वायरस में जो सबसे पुराना वायरस था वो कुल 48,500 साल पुराना था, जो कि मिट्टी के नीचे ही मिला था। वहीं सबसे कम उम्र के वायरस की बात करें इसमें 27,000 हजार साल पुराना एक वायरस भी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस के वैज्ञानिकों ने रूस में जमी हुई झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस को फिर से जिंदा कर दिया है। दुनिया के बड़े वैज्ञानिकों की ओर से समय-समय पर चेतावनी भी दी जा रही है कि ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेंट चेंज पर ध्यान नहीं दिया गया तो ऐसे कई वायरस जन्म ले सकते हैं जो लंबे समय से बर्फ में जमे हुए हैं।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.