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Mehul Choksi Case: भगोड़े मेहुल चोकसी मामले में भारत और सीबीआई (CBI) के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है। 13,500 करोड़ रुपये के मुख्य आरोपी चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस यानी कि आरसीएन को इंटरपोल ने वापस ले लिया है। इंटरपोल की वेबसाइट पर अब ये नोटिस उपलब्ध नहीं है। भारत में मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा, “लीगल टीम के प्रयासों के चलते मेरे मुवक्किल का आरसीएन रद्द कर दिया गया है। आखिरकार सत्य की जीत हुई।”
इस मामले को लेकर फिलहाल सीबीआई ने कोई टिप्पणी नहीं दी है। मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस को वापस लेने का फैसला करने वाले इंटरपोल के प्रेसिडेंट कौन हैं। इंटरपोल के चीफ संयुक्त वर्तमान में अरब अमीरात के मेजर जनरल अहमद नासिर अल-रायसी हैं। नवंबर 2021 में अल-रायसी इस्तांबुल में 89वीं महासभा (UNGA) में चुने गए थे। साल 2025 में वह इंटरपोल चीफ के रूप में काम करेंगे। 1980 में अल-रायसी पुलिस में भर्ती हुए थे।
साल 1986 से लेकर 1992 तक अबू धाबी फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट के प्रमुख रह चुके हैं। अबू धाबी पुलिस में अलग-अलग पदों पर रहने के बाद उन्होंने साल 2015 से यूएई गृह मंत्रालय में इंस्पेक्टर जनरल पद संभाला। वह अभी इसी पद पर कार्यरत हैं। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा इंटरपोल के अध्यक्ष को 4 साल की अवधि के लिए चुनती है। इंटरपोल चीफ का पद अवैतनिक तथा पार्ट-टाइम होता है।
मेहुल चोकसी को अल-रायसी ने बड़ी राहत दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंटरपोल के सामने चोकसी की तरफ से एक याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद इस नोटिस (RCN) को वापस ले लिया गया। चोकसी ने साल 2021 में कुछ लोगों पर अपनी किडनेपिंग का भी आरोप लगाया था। मेहुल चोकसी ने दावा किया था कि उनका अपहरण करने वाले भारतीय एजेंट थे। जो लोग उन्हें कैरिबियाई देश एंटीगुआ और बारबुडा से डोमिनिका लेकर गए थे।
गौरतलब है कि पीएनबी मामले में CBI की तरफ से मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी के खिलाफ मामला दर्ज होने से कुछ दिन पहले ही मेहुल चोकसी जनवरी 2018 में भारत से भाग गया था। चोकसी ने तब तक बारबुडा और एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली थी।
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