Farooq Abdullah: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने किताबों में मुगल युग से संबंधित सामग्री में बदलाव के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की आलोचना की है। उन्होंने रविवार 9 अप्रैल को कहा कि मुगल साम्राज्य का भारत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा क्योंकि उन्होंने 800 वर्षों तक देश पर शासन किया और उनकी विरासत को भुलाया नहीं जा सकता।
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि मुस्लिम, सिख या ईसाई को डर नहीं लगा जब वे ताजमहल दिखाएंगे, तो वे क्या कहेंगे कि इसे किसने बनवाया? वे फतेहपुर सीकरी के बारे में क्या कहेंगे, जहां मुगल साम्राज्य की राजधानी दिल्ली से पहले थी? वे हुमायूं के मकबरे और लाल किले को कैसे छिपाएंगे? वे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं इतिहास नहीं बदलेगा हम नहीं रहेंगे, लेकिन इतिहास रहेगा आप शाहजहां, औरंगजेब, बाबर, अकबर और जहांगीर जैसे मुगल शासकों को कैसे भूल सकते हैं।
इस बीच एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने आरोपों को झूठ करार देते हुए मीडिया से कहा कि मुगलों से जुड़े चैप्टर को हटाया नहीं गया था। 11वीं क्लास की किताब के सेक्शन-2 में मुगलों का इतिहास पढ़ाया जा रहा है वहीं 12वीं कक्षा की किताब में मुगलों के इतिहास पर 2 चैप्टर थे, जिसमें से थीम नौ को पिछले साल हटा दिया गया था। जबकि थीम आठ अभी भी छात्रों को पढ़ाया जा रहा है इस साल किसी भी किताब से कोई अध्याय नहीं हटाया गया है।
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