नेशनल डेस्क /नई दिल्ली (With the construction of the tunnel, the journey of 4 hours will be reduced to 40 minutes): ज़ोजिला टनल बनाने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) ने जानकारी देते हुए कहा कि कश्मीर घाटी और लद्दाख क्षेत्र को जोड़ने वाली ज़ोजिला टनल की ड्रिलिंग 40% पूरी हो चुकी है और यह दिसंबर 2026 तक पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। यह टनल भारत के लिए रणनीतिक लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह टनल भारी बर्फबारी में भी सेना के लिए रसद और जरूरी सामान पहुंचाने में मदद करेगा। अभी टनल के ना होने से सर्दियों की मौसम में सड़को को भारी बर्फबारी की वजह से बंद करना पड़ता है।
ज़ोजिला टनल मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल से, लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर में मिनिमर्ग तक, 18 किमी की पहुंच सड़क के साथ 13 किमी लंबी है।
एमईआईएल के प्रोजेक्ट हेड हरपाल सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया “यह परियोजना भारत सरकार द्वारा एक बड़ा गेम चेंजर है। सोनमर्ग से मिनिमर्ग तक की परियोजना की कुल लंबाई 31 किमी है। सोनमर्ग से बालटाल तक, यह 18 किमी है, और फिर बालटाल से मिनीमार्ग तक की मुख्य सुरंग जो 13 किमी है। दोनों परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है।” सिंह ने कहा कि 13 किमी लंबी सुरंग में से कुल 6 किमी की कटिंग की गई है, 3 किलोमीटर इस तरफ से और बाकी दूसरे छोर से।
पहाड़ी क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में भारती बर्फबारी होती है जिसकी वजह से चार महीनों के लिए सड़के बंद हो जाती है। कई सारे हमारे सेना के जवान चीन के बॉर्डर के पास होते है लेकिन इन चार महीनों के लिए उनका भारत के बाकी क्षेत्रों के साथ संपर्क खत्म हो जाता है।
इस टनल के बन जाने से भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर के नागरिक पूरे 12 महीने यानी पूरे साल कभी भी आवा जाही कर पाएंगे जो कि भारत की सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
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