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इंडिया न्यूज़: (Varuthini Ekadashi 2023 Date, Time and Katha) एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। बता दें कि वैशाख माह की कृष्ण पक्ष एकादशी कल है। इस एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी कहते हैं। वरुथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की वराह भवान के रूप में पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से अन्नदान और कन्यादान करने के समान पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। यह व्रत करने से शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। वरुथिनी एकादशी पर व्रती को संयम करना चाहिए। अन्यथा उसका तप, त्याग, पूजा-भक्ति सब व्यर्थ जाती है। इस दिन कथा न सुनने से भी व्रत पूरा नहीं होता है। यहां जानिए कि वरूथिनी एकादशी की सही तिथि और कथा।
जानकारी के अनुसार, वैशाख माह की कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि की शुरुआत 15 अप्रैल 2023 को सुबह 08:05 पर होगी। इसका समापन अगले दिन 16 अप्रैल 2023 को सुबह 06:14 पर होगा। सूर्योदय तिथि को महत्व देते हुए एकादशी 16 तारीख को मनाई जाएगी। वरूथिनी एकादशी के व्रत का पारण समय 17 अप्रैल 2023 को सुबह 05:54 से सुबह के 10:45 तक होगा।
शास्त्रों के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के महत्व को बताते हुए श्रीकृष्ण ने युधिष्ठर को कथा सुनाई थी। इस कथा के अनुसार, प्राचीन काल में नर्मादा नदी के किनारे राजा मांधाता राज्य करते थे। वो राजा बहुत ही दानवीर और धर्मात्म माने जाते थे। वो एक बार जंगल में तपस्या कर रहे थे और तभी एक भालू उनके पैर चबाने लगा था। तपस्या में लीन राजा को भालू को घसीटकर जंगल में ले गया। घायल राजा ने अपने प्राणों की रक्षा के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना की थी। इसके बाद भगवान विष्णु ने प्रकट होकर भालू को मार दिया था। राजा मंधाता अपंग हो गए थे। उन्होंने भगवान विष्णु से पीड़ा से मुक्ति का उपाय पूछा तो भगवान ने वैशाख की वरुथिनी एकादशी का व्रत करने के लिए कहा था।
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