होम / Action Reaction : 'क्रिया की प्रतिक्रिया ' कहकर हिंसा को उचित बताने का चलन

Action Reaction : 'क्रिया की प्रतिक्रिया ' कहकर हिंसा को उचित बताने का चलन

Sameer Saini • LAST UPDATED : August 28, 2024, 11:42 am IST
ADVERTISEMENT
Action Reaction : 'क्रिया की प्रतिक्रिया ' कहकर हिंसा को उचित बताने का चलन

तनवीर जाफरी

Action Reaction : किसी भी सभ्य व संवेदनशील समाज में हिंसा की कोई गुंजाईश नहीं है। भारतीय संस्कृति तो वैसे भी आदिकाल से ही ‘अहिंसा परमो धर्म: ‘ का सन्देश देती रही है। सम्राट अशोक व महात्मा बुध से लेकर महात्मा गाँधी तक अनेक महापुरुषों ने सत्य-प्रेम व अहिंसा के सन्देश दिये हैं। दुनिया के अनेक देशों में बुद्ध व गाँधी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। आज भी जब दुनिया के किसी भी भाग में हो रही हिंसा के विरुद्ध लोगों को प्रेम अहिंसा व सद्भाव का सन्देश देना होता है तो लोग गाँधी के फोटो व उनके शांति व अहिंसा संबंधी संदेशों की तख़्तियां व बैनर हाथों में लेकर निकलते हैं।

परन्तु यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सहित विश्व के अनेक देशों में होने वाली हिंसा को यह कहकर जायज ठहरने की कोशिश की जाने लगी है कि अमुक हिंसक घटना का कारण अमुक ‘क्रिया की प्रतिक्रिया ‘ है। सवाल यह है कि ‘क्रिया की प्रतिक्रिया’ बताकर किसी भी छोटी या बड़ी हिंसक घटना को सही बताना या उसपर पर्दा डालने की कोशिश करना क्या हिंसा में शामिल लोगों को बढ़ावा या शह देना नहीं है ?

पिछले दिनों बांग्लादेश के चिटगांव परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कोमिल्ला शहर में दुर्गा पूजा के पंडाल व कुछ हिन्दू मंदिरों पर कट्टरपंथी मुसलमानों की उग्र भीड़ द्वारा एक बड़ी हिंसक वारदात अंजाम दी गयी। दुर्गा पूजा पंडाल को क्षतिग्रस्त किया गया, मंदिरों में मूर्तियां तोड़ी गयीं और खबरों के मुताबिक इस हिंसक कार्रवाई में चार हिन्दू अल्पसंख्यकों को अपनी जानें भी गंवानी पड़ीं। चिटगांव की घटना के दो दिन बाद ही नोआखाली में इस्कॉन के एक मंदिर पर हमला किया गया और पुन: हुई इन वारदातों में दो और हिन्दू अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी गयी।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस घटना का तुरंत संज्ञान लिया और अपराधियों के विरुद्ध यथाशीघ्र कार्रवाई करने से लेकर हिन्दू अल्पसंख्यकों में विश्वास पैदा करने तक के लिये उन्होंने कई तसल्ली बख़्श व सकारात्मक बयान दिये। परन्तु उन्होंने इसी के साथ साथ भारत को भी ‘उपदेश ‘ दे डाला। बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत से कहा- ‘भारत में ऐसी कोई घटना न घटे जिसका खामियाजा बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं को भुगतना पड़े। प्रधानमंत्री हसीना के उक्त बयान का सीधा अर्थ यही है कि भारत में मुसलमानों या उनके धर्मस्थलों को लेकर समय समय पर जो हिंसक वारदातें होती रहती हैं, बांग्लादेश में होने वाली घटनायें, भारत में होने वाली उन्हीं घटनाओं की ‘क्रिया की प्रतिक्रिया’ स्वरूप पेश आती हैं।

‘क्रिया की प्रतिक्रिया’ की चर्चा अभी भारत में पिछले दिनों किसान आंदोलन के सन्दर्भ में हुई लखीमपुर घटना को लेकर भी सुनने को मिली। एक केंद्रीय मंत्री के बेलगाम पुत्र द्वारा कथित तौर पर प्रदर्शनकारी किसानों की भीड़ पर पीछे से तेज रफ़्तार से जीप चढ़ाये जाने की इस घटना में नौ लोगों की मौत की खबर है। इन मृतकों में जहां चार किसान व एक पत्रकार थे वहीं चार अन्य मृतकों में भारतीय जनता पार्टी के दो स्थानीय कार्यकर्ता व दो ड्राइवर भी शामिल थे। इस घटना में मृतक किसानों को तो किसान नेताओं व उनके संगठनों द्वारा ‘शहीद ‘ बताया गया परन्तु जब इस घटना के बाद उग्र व बेकाबू किसानों की भीड़ द्वारा जीपों में आग लगाये जाने व भाजपा कार्यकतार्ओं व जीप के ड्राइवर को पीट पीट कर मार डालने जैसी हिंसक घटना के बारे में किसान नेताओं से पूछा गया तो उन्होंने इस वारदात को भी ‘क्रिया की प्रतिक्रिया ‘ बता डाला।

स्वतंत्र भारत में इस तरह  के दो सबसे प्रमुख उदाहरण हैं जो आज भी भारतीय राजनीति को प्रभावित करते हैं। और विभिन्न राजनैतिक दल अपनी ‘सुविधानुसार ‘ इनका इस्तेमाल समय समय पर याद दिलाकर करते रहते हैं। इनमें एक उदाहरण 1984 में हुई इंदिरा गाँधी की हत्या व इसके बाद दिल्ली सहित देश के कई शहरों में हुई सिख विरोधी हिंसा का भी है। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बड़ी संख्या में सिख विरोधी नरसंहार की घटना घटी थी। इसमें सैकड़ों सिख मारे गए थे।

इसके बाद नई दिल्ली के बोट क्लब में राजीव गाँधी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि -‘जब इंदिरा जी की हत्या हुई थी़, तो हमारे देश में कुछ दंगे-फसाद हुए थे. हमें मालूम है कि भारत की जनता को कितना क्रोध आया, कितना गुस्सा आया और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है। ‘जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है “। उस समय सिख समुदाय के लोगों को यही महसूस हुआ कि राजीव गाँधी का यह बयान कि ‘जब भी कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है”, सिख विरोधी हिंसा को जायज ठहराने व इसे ‘प्राकृतिक प्रतिशोध’ की घटना बताने जैसा है। यानी जो कुछ हुआ वह ‘क्रिया की प्रतिक्रिया’ थी।

दूसरा उदाहण 2002 में हुए गुजरात दंगों का है। 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस की बोगी संख्या एस 6 में अतिवादी मुसलमानों की एक उग्र भीड़ द्वारा आग लगा दी गयी थी जिसमें 59 कारसेवक जिंदा जल गये थे। इस घटना के बाद लगभग पूरे गुजरात में अल्पसंख्यकों के विरुद्ध राज्य प्रायोजित व राज्य संरक्षित हिंसा फैल गयी थी। 1984 के सिख नरसंहार की तर्ज पर ही गुजरात में भी मुस्लिम विरोधी नरसंहार शुरू हो गया था। जो लगभग तीन महीने तक चला था। इसमें पांच हजार से अधिक मुस्लिम अल्पसंख्यक मारे गये थे। राज्य सत्ता द्वारा संरक्षित इस नरसंहार को भी राज्य की मोदी सरकार के जिम्मेदारों तथा सत्तारूढ़ दल संबद्ध नेताओं द्वारा ‘क्रिया की प्रतिक्रिया’ बताया गया था। और इसी तथाकथित ‘क्रिया की प्रतिक्रिया ‘ ने नरेंद्र मोदी को ‘हिन्दू हृदय सम्राट ‘ बना दिया था।

यह उदाहरण इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिये पर्याप्त हैं कि जब जब उग्र भीड़ की हिंसा पर काबू पाना सत्ता,शासन व प्रशासन के लिये मुश्किल या असंभव हुआ है,या सत्ता व शासन का झुकाव किसी भी कारणवश हिंसा पर उतारू वर्ग की ओर हुआ  तब तब  सत्ता,शासन व प्रशासन ‘क्रिया की प्रतिक्रिया ‘ जैसे बहानों की शरण में जा छुपा है। गुजरात,सिख विरोधी नरसंहार,बांग्लादेश आदि इसके अनेक उदाहरण हैं। परन्तु सरकार के इस बहाने व नाकामियों का खामियाजा हमेशा ही आम बेगुनाह जनता को भुगतना पड़ा है। लिहाजा अपनी नाकामियों व निठल्लेपन को छुपाने के लिये  ‘क्रिया की प्रतिक्रिया ‘ कहकर हिंसा को उचित बताने के चलन को किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता।

Connect With Us : Twitter Facebook

Tags:

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Himachal Politics: CM सुक्खू ने प्रियंका गांधी को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे
Himachal Politics: CM सुक्खू ने प्रियंका गांधी को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई, इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर जमकर बरसे
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
‘एक हैं तो नेक हैं…’, PM Modi की ये बात सुनकर खुशी से झूम उठे सीएम योगी, जानिए क्या है इसके मायने?
UP News: सीएनजी सिलिंडर लदे ट्रक में लगी आग, धमाकों से दहला शाहजहांपुर हाईवे
UP News: सीएनजी सिलिंडर लदे ट्रक में लगी आग, धमाकों से दहला शाहजहांपुर हाईवे
‘पीएम के करिश्माई नेतृत्व…’, उपचुनाव में जीत पर सीएम नीतीश ने PM मोदी को दी बधाई, कही ये बड़ी बात
‘पीएम के करिश्माई नेतृत्व…’, उपचुनाव में जीत पर सीएम नीतीश ने PM मोदी को दी बधाई, कही ये बड़ी बात
दुल्हन आने से पहले दूल्हे भाई की हुई मौत, दर्दनाक हादसे में 2 की गई जान
दुल्हन आने से पहले दूल्हे भाई की हुई मौत, दर्दनाक हादसे में 2 की गई जान
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘कांग्रेस ने दिल्ली के आसपास की जमीन छीनकर वक्फ बोर्ड…’, ये क्या बोल गए PM Modi? सुनकर तिलमिला उठे राहुल-प्रियंका
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
‘हमने लोकतंत्र की परीक्षा…’, झारखंड चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद ये क्या बोल गए हेमंत सोरेन? PM Modi को नहीं आएगा रास
ऑपरेशन थियेटर में बुजुर्ग हुआ जवान… लेट कर गाने लगा ये गाना, Video वायरल
ऑपरेशन थियेटर में बुजुर्ग हुआ जवान… लेट कर गाने लगा ये गाना, Video वायरल
‘मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर…’ भाई जगमोहन की हार पर बिफरे किरोड़ी ; भितरघात का लगाया आरोप
‘मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर…’ भाई जगमोहन की हार पर बिफरे किरोड़ी ; भितरघात का लगाया आरोप
देह-व्यापार रैकेट का भंडाफोड़, अवैध अड्डे पर ग्राहक बनकर पहुंचा पुलिस वाला, पैसों के साथ दलाल गिरफ्तार
देह-व्यापार रैकेट का भंडाफोड़, अवैध अड्डे पर ग्राहक बनकर पहुंचा पुलिस वाला, पैसों के साथ दलाल गिरफ्तार
सावधान! नहीं रहोगे सतर्क तो हो जाओगे रातों रात कंगाल, शादी के माहौल में जमकर लग रही सेंध
सावधान! नहीं रहोगे सतर्क तो हो जाओगे रातों रात कंगाल, शादी के माहौल में जमकर लग रही सेंध
ADVERTISEMENT