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India News (इंडिया न्यूज़), Galwan Clash, लेह: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात शीर्ष सैन्य अधिकारी क्षेत्र में तैयारियों को और मजबूत करने के लिए काम करने की रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं। यह बैठक गलवान घाटी संघर्ष (Galwan Clash) की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित की जा रही है। इसमें भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन की सेना को भी भारी नुकसान हुआ था। कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया की चीन के 40 से ज्यादा जवान इस संघर्ष में मारे गए।
सेना की उत्तरी कमांड ने इस संघर्ष में भाग लिया था। सेना के सूत्रों ने बताया कि कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, 14 कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली और वन स्ट्राइक कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल संजय मित्रा को फिलाहल वहां मौजूद है। बैठक में चीन की सीमा से लगे सेक्टर में फोर्स की तैयारियों पर चर्चा होगी।
लद्दाख की सुरक्षा सेना के उत्तरी कमान के जिम्मे है। उत्तरी कमान को यूपी के मथुरा में वन स्ट्राइक कोर मुख्यालय हाल ही में प्रदान किया गया है। वन स्ट्राइक कोर के कई ब्रांज उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में है।
पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अप्रैल-मई 2020 के चीनी आक्रमण के बाद सेना का पुनर्गठन किया गया था। चीनी सेना के 50,000 से अधिक सैनिकों साल 2020 से पूर्वी लद्दाख के विपरीत एलएसी पर तैनात है। भारत ने चीन द्वारा भविष्य में किसी भी संभावित आक्रमण को रोकने के लिए और इस तरह के किसी भी कदम को रोकने के लिए क्षेत्र में कई नई संरचनाओं को तैनात किया है।
क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास में भी तेजी आई है और पूर्वी लद्दाख में उमलिंग ला दर्रे पर दुनिया की सबसे ऊंची गाड़ी चलने लायक सड़क बनाई गई है । सड़क ने उन अग्रिम स्थानों पर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में मदद की है जहां पिछले तीन वर्षों से भारतीय और चीनी सैनिक एक-दूसरे के विपरीत तैनात हैं।
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