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Uniform Civil Code: देश में इस समय युनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा जोर पकड़ने लगा हैं। देश के तमाम दल और उनके नेता इसे लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इस कानून को लेकर एक तरफ बीजेपी इसका खुलकर समर्थन कर रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस इसे बीजेपी की चाल करार देते हुए धूव्रिकरण की राजनीति बता रही है। इसी क्रम में कांग्रेस के नेता प्रमोद कृष्णम का भी इसे लेकर बयान आया हैं। उन्होंने इसे बीजेपी का 2024 चुनाव के लिए मुद्दा बताया।
उन्होंने कहा, “यदि सच्चे मन से राष्ट्रहित में कोई कानून लाने की चर्चा होगी तो हम उस पर विचार करेंगे। हम इसका स्वागत कर सकते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा देश में एकरूपता लाने के लिए नहीं बल्कि तीसरी बार सत्ता में आने के लिए उठाया जा रहा है…यूसीसी का खाका तैयार नहीं है। इसलिए, मुझे लगता है कि बीजेपी इस मुद्दे को तूल देना चाहती है और 2024 का चुनाव जीतना चाहती है… यह एक चतुर पार्टी है और इसकी पहेली को समझना आसान नहीं है…”
#WATCH | "If discussions are held to introduce a law in national interest with a pure heart, we will think about it. We might welcome it. But I think the Uniform Civil Code issue is not being raised to bring uniformity to the country but to come to power for the third… pic.twitter.com/J53fX3HQgm
— ANI (@ANI) June 17, 2023
बता दें कि देश के 22वे विधि आयोग ने इस कानून को लेकर जनता और अलग-अलग धर्मों के जानकारों से उनकी राय मांगते हुए इस पर विचार-विमर्श को करने के लिए कहा है। वहीं इससे पहले 21वें आयोग ने 2018 में एक परामर्श पत्र जारी किया था, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि उस समय समान नागरिक संहिता की “न तो जरूरत थी और न ही यह वांछनीय” था।
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