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India News ( इंडिया न्यूज़ ) Thailand News : थाईलैंड में हाल ही में एक अजीब गरीब खबर सामने आई है। दरअसल, धर्म में भिक्षु बनना माफी मांगने का एक तरीका है। पर थाईलैंड में दूसरों को नुकसान पहुंचाने वालों के बीच ये प्रथा आम हो गई है। इसीलिए अब एक गुनाह करके लोग भिक्षु बन रहे है। धर्मगुरु चिंतित हैं कि इन सुधारात्मक प्रक्रियाओं का उपयोग गलत व्यवहार के इलाज के लिए हो रहा है। इससे बौद्ध धर्म की प्रतिष्ठा गिर रही है, जो घोटालों के बाद वैसे भी गिरावट में है। थाई बौद्ध धर्म की विद्वान केटवादे कुलबकेव कहती हैं,‘थाई मठ किसी को भी कुछ दिनों, कुछ हफ्ते या कुछ माह के लिए मंजूरी देंगे, बशर्ते मृतक का परिवार सहमत हो।
भिक्षुक जीवन में प्रवेश और इससे निकलना बहुत आसान है। इसके चलते थाईलैंड में कई लोग कई कारणों से भिक्षु बनना चुनते हैं। बता दें, 2019 में धनी कारोबारी ने नशे में ड्राइव करते हुए दो लोगों को टक्कर मारी थी, दोनों की मौत के बाद वह भिक्षु बन गया था। उसने पीड़ित परिवारों को 10 करोड़ रुपए भी दिए थे। पर सिर्फ भिक्षु बनने से माफी नहीं मिलती। बीते साल एक युवा पुलिसकर्मी की मोटरसाइकिल से टकराने के बाद महिला की मौत हो गई।
प्रायश्चित के लिए पुलिसकर्मी भिक्षु बन गया, पर इससे लोगों का आक्रोश कम नहीं हुआ। लापरवाह ड्राइवरों पर कार्रवाई की मांग जारी रही। तीन दिन बाद ही पुलिसकर्मी को भिक्षु पद छोड़ना पड़ा, क्योंकि लोगों का तर्क था कि वह भिक्षु बनने के लिए उपयुक्त नहीं है।
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