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India News (इंडिया न्यूज़),Belt and Road Initiative: चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का भारत ने एक बार फिर समर्थन करने से साफ इंकार कर दिया। ऐसे में यानी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) में इस परियोजना का समर्थन नहीं करने वाला पहला देश बन गया है। जिसने चीन को स्पष्ट तौर पर आंख दिखाई है। हालांकि इसमें रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने अपना समर्थन दिखाया है जबकि भारत ने चीन के सामने अपना रुख साफ कर दिया है।
बता दें ये पहली बार नहीं है जब भारत ने BRI का विरोध किया है। इससे पहले भी कई मौकों पर भारत ने इसको लेकर अपनी असहमति जता चुका है। हालांकि इस वर्चुअल सम्मेलन में पीएम मोदी ने पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की जरूरत को अहम माना है। हालांकि इस बात पर भी जोर दिया गया है कि SCO चार्टर के मूल सिद्धांतों, सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना भी जरूरी है।
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत चीन की किसी भी उस परियोजना का समर्थन नहीं करता, जिससे देश की सुरक्षा पर कोई भी असर पड़े। भारत का बीआरआई का समर्थन नहीं करने की सबसे बड़ी वजह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा है, जो कि इस परियोजना का एक हिस्सा है। यह प्रोजेक्ट उस रास्ते से होकर गुजरता है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।
जानारी के लिए बता दें बीआरआई एक ऐसा प्रोजेक्ट है जो मुख्य रूप से चीन को अरब सागर से जोड़ता है। यह चीन के झिंजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र में काशगर से लेकर पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह तक फैला है। यह परियोजना गिलगित बाल्टिस्तान में पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है। और अरब सागर तक पहुंचने से पहले उत्तर से दक्षिण तक पाकिस्तान को पार करती है।
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