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India News (इंडिया न्यूज़), Delhi Floods, दिल्ली: यमुना के बढ़ते स्तर के कारण एनसीआर के कई इलाकों में बाढ़ की वजह से दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और कार्यालय बंद कर दिए गए हैं। कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने को कहा गया है। आईटीओ, कश्मीरी गेट, सिविल लाइन्स जैसे इलाकों में पानी भर गया है। लाल किला में पानी घुसने के कारण उसे बंद कर दिया गया है। लेकिन अभी दिल्ली की मुसीबत समाप्त नहीं हुई है।
यमुना के पानी का जलस्तर पहले का मुकाबले थोड़ा कम हुआ है। दोपहर 12 बजे यह 208.38 मीटर दर्ज किया गया। रिपोर्ट की मानें तो दिल्ली वालें की मुसीबत और बढ़ सकती है क्योंकि यमुना का जलस्तर और बढ़ सकता है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हथिनीकुंड बैराज के अधिकारियों ने कहा की लाखों क्यूसेक (घन फुट प्रति सेकंड) पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे शुक्रवार को युमना का जलस्तर दिल्ली में और भी बढ़ सकता है। राष्ट्रीय राजधानी में और अधिक बाढ़ का पानी घुस सकता है।
हरियाणा में यमुनानगर जिले के जल सेवा प्रभाग (दादुपुर) में तैनात कार्यकारी अभियंता संदीप कुमार ने कहा, ‘हथिनीकुंड से एनसीआर तक पानी पहुंचने में 72 घंटे लगते हैं और मंगलवार को अधिकतम 3.5 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया था। इसलिए, तकनीकी रूप से, दिल्ली में अधिकतम प्रभाव शुक्रवार को देखा जा सकता है।’
बांध से पानी छोड़ने के अलावा मौसम विभाग का अनुमान है कि 16 जुलाई से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश हो सकती है। संदीप कुमार के अनुसार, गुरुवार को बैराज के माध्यम से पानी का प्रवाह सुबह के 1.59 लाख क्यूसेक की तुलना में शाम को घटकर 50,000 क्यूसेक के स्तर पर आ गया। 9 जुलाई को बैराज के सभी 18 फ्लडगेट खोले गए जिससे 11 जुलाई को अधिकतम 3.5 लाख क्यूसेक पानी का बहाव हुआ।
यूपी के सहारनपुर, बागपत, शामली और नोएडा में कई सहायक नदियों यमुना का आकार मिलती है। पहाड़ो पर हो रहे बारिश का पानी इन नदियों के माध्यम से यमुना में मिल गया जिसने पहले से ही उफन रही यमुना में योगदान दिया। पश्चिमी यूपी के जिलों के दर्जनों गांव इस समय जलमग्न हैं और हजारों हेक्टेयर खेत पानी में डूबे हुए हैं। रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है।
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