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INDIA NEWS (इंडिया न्यूज़), Chandramani Shukla, Lucknow : 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपने फ्रंटल संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी छात्र सभा, समाजवादी लोहिया वाहिनी, समाजवादी युवजन सभा और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की बुधवार को ऐलान किया गया। जहां PDA के फार्मूले का असर भी देखने को मिला।
समाजवादी पार्टी ने आज अपने 4 फ्रंटल संगठनों के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्ष घोषित किए। जिनमें से समाजवादी लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिषेक यादव को नामित किया गया। तो वहीं समाजवादी छात्र सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए डॉ. इमरान पर पार्टी ने भरोसा जताया। मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सिद्धार्थ सिंह को जिम्मेदारी दी गई। वहीं समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मो. फहद को नामित किया गया है।
इसी तरह चारों फ्रंटल संगठनों के प्रदेश अध्यक्षों के रूप में समाजवादी युवजन सभा से अरविंद गिरी को जिम्मेदारी मिली तो समाजवादी लोहिया वाहिनी से रामकरन निर्मल को प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई। वहीं मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अनीस राजा को नामित किया गया तो समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में विनीत कुशवाहा पर अखिलेश यादव ने भरोसा जताया गया है।
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, समाजवादी पार्टी के घोषित फ्रंटल संगठनों के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्षों की सूची में सवर्णों की तुलना में PDA का अधिक प्रभाव पार्टी की रणनीति को स्पष्ट करता है। वहीं घोषित आठ नामों में तीन मुसलमानों का होना भी भाजपा की पसमांदा समाज को लुभाने की रणनीति का जवाब हो सकता है। क्योंकि अखिलेश यादव कतई नहीं चाहेंगे कि इस समाज का वोट उनसे छिटक कर कहीं जाए।
बीते विधानसभा चुनाव में भी सपा को बड़ी मात्रा में मुस्लिम समाज का वोट मिला था ऐसे में पिछड़ा और दलित को साथ में रखने के लिए अपने फ्रंटल संगठनों में भी इसी के हिसाब से अखिलेश जिम्मेदारी बांट रहे हैं।
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