संबंधित खबरें
Jammu and Kashmir: बडगाम में खाई में गिरी BSF जवानों की बस, 4 जवान शहीद, 32 घायल
मेरठ में बड़ा हादसा, तीन मंजिला मकान गिरने से कई घायल, मलबे में दबे पशु
किस दिन होगा केजरीवाल की किस्मत का फैसला? इस घोटाले में काट रहे हैं सजा
No Horn Please: हिमचाल सरकार का बड़ा फैसला, प्रेशर हॉर्न बजाने पर वाहन उठा लेगी पुलिस
Himachal News: बेरोजगार युवाओं के लिए अच्छे दिन! जानें पूरी खबर
Rajasthan: चेतन शर्मा का इंडिया की अंडर-19 टीम में चयन, किराए के मकान में रहने के लिए नहीं थे पैसे
India News (इंडिया न्यूज़), Luna-25: रूस को बड़ा झटका लगा है चंद्र मिशन लूना-25 दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लूना-25 का दुर्घटना होने के बाद रुस को तो झटका लगा ही है, इसके साथ ही चीन को भी बड़ा झटका लगा है। क्योंकि रूसी मिशन को लेकर चीन काफी उत्साहित था। जानकारी के लिए बता दें, सोवियत संघ के अंत के बाद लूना-25 चांद पर उतरने का प्रयास करने वाला पहला रूसी अंतरिक्ष यान था।
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इच्छा थी कि वह रूस के साथ मिलकर चांद पर बेस बनाएं। इस बेस के निर्माण से चीन अमेरिका सहित अन्य अंतरिक्ष महाशक्तियों को चुनौती देने की उनकी सोच थी। इस लूना-25 को लेकर रूसी और चीनी अंतरिक्ष एजेंसियों ने 2021 में ही घोषणा किया था कि वे एक साथ निर्माण करने के लिए सहमत हैं। वहीं चीनी मीडिया के अनुसार, इसी महीने की शुरुआत में रूसी और चीनी प्रतिनिधिमंडल ने रूस के वास्तोचन कोस्मोड्रोम में बैठक की, जिसका नेतृत्व चीन के अंतरिक्ष अन्वेषण परियोजना के प्रमुख डिजाइनर वू यानहुआ ने किया था। इस मिशन की विफलता के बाद चीनी मीडिया इसपर चर्चा करने से अब पीछे हट रहा है।
बता दें कि इसकी विफलता के बाद कम्युनिस्ट नेता हू जिजिन ने एक अखबार में अपनी राय देते हुए लिखा कि, इस विफलता के कारण रूस की महत्वाकांक्षाओं को झटका लगने की उम्मीद है। सिर्फ एक चांद कार्यक्रम विफल होने के कारण पश्चिमी देशों को रूस को कम नहीं आंकना चाहिए। अंतरिक्ष इतिहासकार अलेक्जेंडर जेलेज्न्यकोव ने एक रूसी मीडिया से कहा कि हमें अब सबकुछ फिर से सीखना होगा। हमें सीखना होगा कि कैसे आत्मविश्वास के साथ चांद तक उड़ान भरें। हमें सीखना होगा कि कैसे आत्मविश्वास के साथ सतह पर उतरें। एक बार फिर से सब सीखने के बाद ही चीन सहित अन्य देशों के साथ परियोजनाओं को शुरू करना चाहिए।
अंतरिक्ष नीति के शोधकर्ता पावेल लुज़िन का इसको लेकर कहना है कि कहीं न कहीं चीन का मानना है कि अंतरिक्ष भागीदार के रूप में रूस का महत्व एकदम सीमित है। चीन को रूस के साथ सहयोग करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। चीन को लगता है कि रूस उसे कुछ नहीं दे सकता। चंद्र मिशन के लिए रूस ने संशाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए चीनी मिशनों के साथ साझेादारी की।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.