संबंधित खबरें
Jharkhand Election: झारखंड चुनाव के लिए BJP की पहली लिस्ट जारी, 66 उम्मीदवारों का ऐलान ; जानें किसे कहां से मिला टिकट?
जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आज, जानें कितनी विधानसभा सीटों पर डालें जाएंगे वोट?
मध्य प्रदेश को Adani Group ने दिया बड़ा तोहफा, इतने करोड़ रुपये का करेगा निवेश
CM योगी ने लिया PM मोदी का बदला, अभद्र टिप्पणी करने वाले इस गैंगस्टर के अवैध बिल्डिंग पर चलवाया बुलडोजर
झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन इस डेट को बीजेपी में होंगे शामिल, हिमंता बिस्वा सरमा ने किया बड़ा ऐलान
'भारत में रहना है तो राम-कृष्ण की जय कहना….',जन्माष्टमी पर CM Mohan Yadav ने दिया बड़ा बयान
India News ( इंडिया न्यूज), Abhishek Sharma, Mumbai: साल 1980 से महाराष्ट्र में मराठाओं का आंदोलन आरक्षण को लेकर लगातार जारी है रह रहकर यह आंदोलन तूल पकड़ लेता है और रह रहकर या आंदोलन शांत भी हो जाता है। लेकिन आज तक यह आंदोलन जारी है इस बात को लेकर कि उन्हें आरक्षण दिया जाए। आरक्षण कहां कहा मिले तो नौकरी में, शिक्षा क्षेत्र सहित तमाम क्षेत्रों में जहां-जहां आरक्षण ओबीसी, कुनबी समाज को मिलता है।
उसी तरीके से आरक्षण मराठाओं को मिले इस बात की मांग लगातार मराठा समाज की तरफ से किया जाता रहा है और अब यह आंदोलन बहुत ज्यादा उग्र होता हुआ दिखाई पड़ रहा है। यहां तक की मराठाओं ने सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है कि जल्द से जल्द यह मांग पूरा करें वरना महाराष्ट्र में यह आंदोलन और भी तेज होता हुआ दिखाई पड़ेगा।
साल 1960 से जब से महाराष्ट्र का गठन हुआ है तब से अब तक महाराष्ट्र में 20 मुख्यमंत्री बन चुके हैं और उसमे से 20 मुख्यमंत्री में से 12 मुख्यमंत्री मराठा समाज से ही बने हैं। इतना तक की वर्तमान में जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं वह भी मराठा समाज से ही आते हैं। और यही कारण है कि मराठा समाज इतने सालों से लगातार इस बात पर मांग करता आया है कि उन्हें आरक्षण मिले और इसीलिए वह हमेशा बड़े-बड़े आंदोलन कर डालते हैं।
महाराष्ट्र में मराठा एक दो परसेंट नहीं बल्कि 33% से अधिक की आबादी हैं। महाराष्ट्र की कुल आबादी 12 करोड़ है और उन 12 करोड़ में से आप समझ सकते हैं 33 परसेंट से अधिक आबादी सिर्फ और सिर्फ मराठाओं की है और इनका वर्चस्व इतना कि यह जिसकी तरफ हो लिए उसकी सरकार आनी निश्चित है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक पार्टियों के हाथ पांव फूलने लगते हैं जब-जब भी मराठा समाज सड़क पर उतरता है। और वह विद्रोह करने लगता है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर मराठाओं के खुश होने से किस पार्टी को फायदा हुआ है तो आपको बताते चले की महाराष्ट्र में मराठा सभी की तरफ अब तक झुके हैं सच तो यह है कि महाराष्ट्र में अधिक समय तक कांग्रेस की सरकार रही है। सरकार में तमाम मुख्यमंत्री कांग्रेस के मराठा समाज से रहे हैं और जाहिर सी बात है कि उनकी तरफ मराठा समाज झुके रहे हैं।
साल 2014 की बात करें तो उसे वक्त साफ-साफ दिखाई पड़ा कि मराठा समाज पूरी तरीके से बीजेपी के साथ हो लिया क्योंकि आपको पता ही है कि 2014 में महाराष्ट्र में बड़ा बदलाव हुआ और बीजेपी की सरकार आई और देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के उस वक्त मुख्यमंत्री बने थे। जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने तो पिछली सरकार ने जो मराठाओं को 16 परसेंट आरक्षण देने की बात कही थी उसे आरक्षण पर बीजेपी सरकार ने भी अपने मुहर लगाई और बात आगे बढ़ी। लेकिन मामला मुंबई हाई कोर्ट पहुंच गया और मुंबई हाई कोर्ट ने वह 16 परसेंट के आरक्षण को कम कर 12% तक कर दिया।
लेकिन फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट ने इस आरक्षण पर ही पूरी तरीके से रोक लगा दी आपको बता दें कि इस वक्त महाराष्ट्र में 52 परसेंट आरक्षण अलग-अलग समुदायों को दिया गया है जिसमें ओबीसी से लेकर अलग-अलग जो समाज के लोग हैं उनको दिया गया है। एक नियम के मुताबिक किसी भी राज्य में 50% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है बावजूद इसके महाराष्ट्र में इसका अनुपात अधिक है और यही कारण है कि सरकार के तमाम कोशिशें के बावजूद भी आरक्षण मिलने में काफी देरी हो रही है।
लेकिन अब मराठा समाज इस बात पर मांग करने लगा है कि उन्हें कुनबी, ओबीसी समाज के तहत आरक्षण दिया जाए। क्योंकि इसके पीछे ये तर्क दिया जा रहा है की जब निजाम की 1948 तक सत्ता थी उस वक्त उन्हें कुनबी माना जाता था और सभी ओबीसी थे। बाद में कुनबी को ओबीसी में शामिल कर लिया गया था।
लेकिन जहां ओबीसी की बात आई तो तुरंत ओबीसी समाज की तरफ से बड़ा विरोध शुरू हो गया और उनका कहना है कि हम किसी भी सूरत में अपने आरक्षण में से किसी को हकदार बनने देंगे नहीं। सरकार ने भी साफ-साफ कह दिया है की ओबीसी कोटे में कोई भी छेड़ छाड़ नही करेंगे।
साल 2014 से अगर हम देखें तो मराठा समाज का अधिक झुकाव भाजपा की तरफ ही दिखाई पड़ा है और यही कारण है कि 2024 में जब चुनाव होगा उस वक्त भी बीजेपी चाहती है कि मराठाओं का झुकाव उनकी तरफ ही रहे क्योंकि अब बीजेपी के साथ महाराष्ट्र में शिंदे की सेना यानी शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी साथ में है तो सब मिलकर एक साथ मराठाओं पर नजर गड़ाए हुए हैं।
मराठाओं को आरक्षण दिलाने की वह सभी कोशिश कर रहे हैं जो मराठाओं के हित में हो और मराठा समाज खुश भी हो।
इसी क्रम में महाराष्ट्र के संभाजी में महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट मीटिंग की और कई ऐसे फैसले लिए जो मराठाओं को खुश करने वाले हैं।
संभाजीनगर में मंत्रिमंडल मीटिंग के बाद सीएम शिंदे और डीसीएम फड़नवीस सामने आए जिन्होंने कहा मंत्रिमंडल बैठक में मराठवाड़ा के लिए कई योजनाओं को मान्यता दी गयी,कुल 59 हजार करोड़ के अलग अलग विभागों के यह पैकेज है।
एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री महाराष्ट्र ने कहा की मराठवाड़ा के लिए राज्य सरकार ने 59 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की। क्रीड़ा कृषि सिंचाई पर्यटन धार्मिक क्षेत्रो का विकास इस मे शामिल। 14 हजार करोड़ सिंचाई के लिए खर्च किये जायेंगे। 35 सिंचाई प्रोजेक्ट्स को मान्यता दी गयी। मराठवाड़ा की 8 लाख हेक्टर जमीन सिंचाई के दायरे में लायी जाएगी।
Read More: नए संसद भवन में विशेष सत्र शुरु होने से पहले कपिल सिब्बल ने दिया तीखा बयान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.