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India News (इंडिया न्यूज़), Israel Hamas War: इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जंग जारी है। इसी बीच सोमवार देर रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा रूस के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। रूस द्वारा जारी किए गए प्रस्ताव में इजरायल और फिलीस्तीन के नागरिकों के खिलाफ हिंसा और आतंकवाद की निंदा की गई थी। लेकिन हमास का कोई जिक्र नहीं किया गया था।
बता दें कि हमास आतंकियों द्वारा शनिवार (7अक्टूबर) को इजरायल पर अचानक अंधाधून बम बरसाए। हवा, पानी और जमीन तीनों तरफ से बेख़बर इजरायल पर हमला किया गया। जिसमें 1,300 से अधिक इजरायली मारे गए। इतनी बड़ी संख्या में यहूदी की मौत नाजी नरसंहार के बाद पहली बार हुई। जिससे इजरायल सरकार भी गुस्से में है।
सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र सबसे शक्तिशाली निकाय है। जिसकी जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। इस बार सुरक्षा परिषद भी हमास द्वारा किए गए हमले और इजरायल द्वारा की गई जवाबी कार्रवाई को रोकने में असफल रहा। बता दें कि हमास द्वारा हमले के बाद इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में गाजा पर ताबड़तोड़ हमले किए। जिसमें लगभग 2800 लोगों की जान चली गई।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 15 सदस्य शामिल है। रुसी द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर चार देशों द्वारा सहमति जताई गई। जबकि चार सदस्य देशों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। सहमति देने वाले देशों में चीन, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) मोजाम्बिक और गैबॉन का नाम शामिल है। वहीं असहमति देने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और जापान का नाम सामने आया। वहीं अन्य 6 सदस्य देश इस दौरान अनुपस्थित रहें। बता दें कि किसी भी प्रस्ताव को यूएन से पास होने के लिए कम से कम नौ देशों का समर्थन जरुरी होता है।
रुस ने अपने प्रस्ताव को मतदान से पहले इसे प्रस्तुत किया। साथ ही रूसी राजदूत वासिली नेबेंजिया ने प्रस्ताव के लिए समर्थन की गुजारिश भी किया। उन्होंने कहा कि ‘यह प्रस्ताव मौजूदा संकट में भारी बढ़ोतरी का जवाब है। संघर्ष में हर घंटे मरने वालों और घायलों की संख्या बढ़ रही है।’ ऐसे में हम दोनों पक्षों के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की निंदा करते हैं। वहीं प्रस्ताव को समर्थन ना मिलने पर रूसी राजदूत नेबेंजिया ने कहा, ‘एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षा परिषद पश्चिमी देशों के स्वार्थी इरादों के जाल में फंस गया है। परिषद दशकों में सबसे गंभीर हिंसा को रोकने के लिए एक सामूहिक संदेश भेजने में विफल रही है।’
रूसी प्रस्ताव को खारिज करते हुए ब्रिटेन की दूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा कि परिषद का इजरायल पर हमले को अनदेखा करना बेशर्मी है। साथ ही उन्होंने ब्राजील द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर बातचीत जारी रखने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि ब्राजील द्वारा लाए गए प्रस्ताव ‘नागरिकों के खिलाफ सभी तरह की हिंसा और आतंकवाद के सभी कृत्यों की दृढ़ता से निंदा करता है। इसके साथ ही ये प्रस्ताव 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए जघन्य आतंकी हमले को स्पष्ट रूप से खारिज करता है और उसकी निंदा भी करता है।’
वहीं रूसी राजदूत के आरोप पर पलटवार करते हुए अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि हमास ने इजरायल और यहूदियों को खत्म करने के मकसद से हमला किया। इजरायल में आतंक फैलाय, लेकिन रुसी प्रस्ताव में एक बार भी आतंकवादी समूह का उल्लेख नहीं किया गया। हमास की निंदा ना करके रूस उस आतंकवादी समूह को बढ़ावा दे रहा है। यह समूह निर्दोष नागरिकों पर अत्याचार करता है।
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