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India News (इंडिया न्यूज)Israel Hamas War: इजरायल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का असर अब पूरी दुनिया पर दिखने लगा है। खुफिया एजेंसियों ने भारत समेत दुनिया भर पर आतंकी खतरों के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी किया है। जिसको लेकर एजेंसियों की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि, इजरायल और हमास के बीच जारी जंग के दुनिया भर पर पड़ने वाली असर को लेकर अपनी नजर रखे हुए हैं। यह मामला केवल दो देशों का न होकर अब उससे कहीं ज्यादा बढ़ गया है। इसके साथ ही खुफिया एजेंसियों का मानना है कि, यह सिर्फ इजराइल और खाड़ी देशों के बीच की कूटनीति नहीं है, जिसके कारण चल रहे इजराइल-हमास संघर्ष से प्रभावित होने का खतरा है, बल्कि मध्य पूर्व और उसके बाहर आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।
इस पूरे मामले को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई जिसमें कहा गया है कि, इसे न तो किसी समुदाय और न ही समर्थन के आधार पर पहचाना जा सकता है। अब युद्ध के बीच अमेरिका, खाड़ी देशों और अन्य सहित सबके लिए बड़ी चुनौती बन गया है। जिसके बाद एजेंसियों का कहना है कि, अब आतंकवादी समूहों के खतरों के प्रति सतर्क रहना होगा। ये समूह जो या तो हमास का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ वे इस जंग को अपनी ताकत बढ़ाने में इस्तेमाल कर रहे हैं। इस विषय पर विशेषज्ञों का कहना है कि, फ़िलिस्तीनी मुद्दे के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बढ़ते समर्थन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता तो वहीं दूसरी ओर इजरायल के साथ लड़ाई में हमास के बहु-आयामी हमले को भी समझना होगा। ये दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं।
खुफिया एजेंसियों के अलर्ट मोड के बाद भारत में इंटेलिजेंस ब्यूरो में पूर्व विशेष निदेशक यशोवर्धन आज़ाद ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, फर्जी वीडियो सामने आ रहे हैंष सोशल मीडिया पर बहुत कुछ ऐसा शेयर किया जा रहा है जो क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का काम कर सकता है। आतंकियों ने अपनी रणनीति का प्रचार करने का मौका बना लिया है। हालांकि आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोई दूर-दूर तक संभावना नहीं है, क्योंकि खुफिया अधिकारियों ने स्वयंभू ताकतों द्वारा स्थिति का फायदा उठाने के लिए सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी है।
इसके साथ ही यशोवर्धन आज़ाद ने कहा कि, गलत सूचना और दुष्प्रचार अभियानों के अलावा, खुफिया एजेंसियों को अल कायदा, आईएस या यहां तक कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों संगठनों के स्लीपर सेल द्वारा मजबूत स्थिति लेने और एकजुटता दिखाने के लिए देशों में छिटपुट हमलों की कोशिश करने की संभावना के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।
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