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India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election 2024 : समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच शुरू हुई अंदरूनी लड़ाई कभी-भी बड़ा रूप ले सकती है। जहाँ इंडिया गठबंधन के दोनों दल के नेता आमने-सामने होते नज़र आ रहे है। ऐसे में कांग्रेस के पास उत्तर प्रदेश में आखिरी विकल्प के रूप में एक मात्र सहारा बसपा ही दिख रही है।
चाहे बात जनाधार की हो या प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों के तौर पर अपना रसूख और पुख़्ता वोट बैंक बनाने की। हर एक कैटेगरी में बसपा कांग्रेस के लिए सबसे उपयुक्त है। लिहाज़ा समाजवादी पार्टी के पास विकल्प के तौर पर अब बसपा ही है जो उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का बेड़ा पार लगा सकती है।
बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों बदलते दौर के राजनीतिक समीकरण को देखते हुए ख़ासा प्रयोग करती नज़र आ रही है। देश में 6 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में कई राज्यों में गठबंधन भी किया है। लिहाज़ा एक बात साफ़ है कि बसपा को गठबंधन से कोई परहेज़ नही है। सुत्रों की माने तो सपा के इस रवैये के बाद कांग्रेस के आलानेता बसपा सुप्रीमो मायावती से बातचीत का प्रयास करते नज़र आ सकते है। जो पहले भी हो चुका है और जल्द ही फिर से ऐसा ही नजारा हमें फिर से देखने मिल सकता है। क्योंकि राजनीति में कभी भी कुछ भी असंभव नहीं होता।
सूत्रों की माने तो सपा के हर विकल्प के रूप में बसपा कांग्रेस और पूरे इंडिया गठबंधन में फिट बैठती नजर आएगी। जिससे न सिर्फ़ बसपा के एक मुश्त वोट बैक का फ़ायदा कांग्रेस को होगा बल्कि बसपा जो कई सालों से लोकसभा चुनाव के जरिये पूरे देश में अपने कदम पसारना चाहती है। उसको लेकर बसपा को भी बड़ा मौक़ा इंडिया गठबंधन के साथ मिल सकता है। वहीं सूत्रों की माने तो शायद यह पेशकश कांग्रेस की तरफ़ से बसपा सुप्रीमो के सामने रखी भी जायेगी। अब देखना ये होगा कांग्रेस और सपा की अंदरूनी लड़ाई के बीच क्या वाक़ई बसपा फ़िट बैठती है।
वही बसपा को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है की, कांग्रेस ने ही इंडिया गठबंधन की पहल पूरे देश में की, और सामान विचार धारा के लोगों को साथ लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। और कांग्रेस पार्टी ही देश के दलित वंचित और शोषित समाज के साथ हमेशा खड़ी रही है। बसपा को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व फैसला करेगा लेकिन अन्य पहल जारी हैं और समान विचारधारा वाले दलों के लिए कांग्रेस के दरवाजे हमेशा खुले हैं जो भाजपा को हटाने के लिए हाथ मिलाएंगे।
कांग्रेस और सपा के बीच चल रही खींच तान के चलते जहाँ समाजवादी पार्टी के रुख़ में कांग्रेस के लिये थोड़ी कड़वाहट देखने को मिल रहा है। तो शायद यही वजह है की जब इस बारे में समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनोज यादव से बातचीत की गयी। तो उन्होंने साफ कहा की सपा लोकसभा चुनाव की तैयारियों में लगी है। और गठबंधन में अपना रोल अदा कर रही है।
लेकिन गठबंधन के भी कुछ नियम क़ानून और दायरे होते है । ऐसे में अगर कांग्रेस बसपा के साथ जाने का मन बना रही है, तो ये उनकी अपनी सोच होगी। लेकिन कांग्रेस इस बात ध्यान जरुर रखे की हर क्रिया की प्रतिक्रिया जरुर होती है। इसलिए कांग्रेस अगर कुछ अलग तरह की रणनीति को लेकर काम कर रही है, तो हर कदम के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। और समाजवादी पार्टी को कम आंकने वाले हमेशा धोखा खाते है और खाते ही रहेंगे।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा का कहना है की इंडिया गठबंधन की सोच और नीव ही ग़लत सोच के साथ रखी गयी है। क्योंकी सपा और कांग्रेस दोनों ही गठबंधन के बाद एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे ही कांग्रेस भी चाहे जितने विकल्प तलाश ले, लेकिन भाजपा की सरकार ने केंद्र में रहकर जिस तरह से मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने काम किया है। जनता उन्हें देख रही है और सराह रही है। ऐसे में कांग्रेस के पास अब कोई विकल्प नही बचता इसलिए 2024 में जनता उनको जवाब देगी।
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