संबंधित खबरें
ICC के फैसले का नहीं पढ़ रहा नेतन्याहू पर असर, लेबनान में लगातार बह रहा मासूमों का खून…ताजा हमलें में गई जान बचाने वालों की जान
पीएम जस्टिन ट्रूडो को आई अकल, भारतीयों के सामने झुकी कनाडा की सरकार…एक दिन बाद ही वापस लिया ये फैसला
जहां पर भी फटेगा परमाणु बम…तबाह हो जाएगा सबकुछ, यहां जाने उस विनाश और उसके प्रभाव के बारे में
अगर दोस्त पुतिन ने फोड़ा परमाणु बम…तो भारत पर क्या होगा असर? मिट जाएगा इन देशों का नामो-निशान
भारत के नेताओं की स्कीमें कॉपी कर रहे 'दुश्मन' Trudeau, पापों का पश्चाताप करने को निकाली नई योजना? आंखें फाड़े रह गई जनता
वाकई फटने वाला है परमाणु बम? अचानक गायब हुए Putin, लीक हो गया 12 दिनों का सच…ताकतवर देशों के माथे पर पसीना
India News (इंडिया न्यूज), Mike Johnson: रिपब्लिकन सांसद माइक जॉनसन को अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधिसभा का स्पीकर चुना गया है। सदन के नेता को लेकर पिछले तीन हफ्तों से चल रही कवायद और उथल-पुथल अब जाकर खत्म हो गई। प्रतिनिधिसभा में लुइसियाना का प्रतिनिधित्व करने वाले 51 साल के जॉनसन को रिपब्लिकन पार्टी का भारी समर्थन मिला है। स्पीकर पद के लिए हुए पहले दौर के मतदान में ही उन्होने सभी रिपब्लिकन सांसदों के समर्थन के साथ जीत हासिल की है।
बता दें कि जॉनसन को 220 वोट मिले हैं, वहीं उनके प्रतिद्वंद्वी हकीम जेफ्रीज को 209 वोट ही मिले। जानकारी के लिए बता दें कि सदन में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों की संख्या 221 और डेमोक्रेट के 212 सदस्य है। जॉनसन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। वहीं इस जीत के बाद जॉनसन को जीत की बधाई देते हुए ट्रंप ने उम्मीद जताई कि वह एक शानदार स्पीकर रहेंगे। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि उन्होंने जॉनसन के बारे में कोई नकारात्मक बातें नहीं सुनी है। वह सभी को पसंद करते हैं।
अमेरिका में शटडाउन को रोकने के लाया गया फंडिंग बिल के समर्थन करने के कारण केविन मैक्कार्थी को स्पीकर पद से हटाया गया था। रिपब्लिकन पार्टी के ही सांसदों ने मैक्कार्थी को स्पीकर पद से हटाने को लेकर मतदान किया था। फंडिंग बिल को प्रतिनिधिसभा से पारित कराने में मैक्कार्थी की अहम भूमिका थी। उनके इस कदम से रिपब्लिकन सांसद काफी नाराज थे। इसी वजह से उन्होंने मैक्कार्थी को स्पीकर के पद से हाटने के लिए प्रस्ताव का समर्थन किया था।
जानकारी के लिए बता दें कि मैक्कार्थी ने इसी वर्ष सात जनवरी को प्रतिनिधिसभा के अध्यक्ष के पद को काम संभाला था। इस तरह से सिर्फ 269 दिनों के अंदर उन्हें यह पद छोड़ना पड़ गया। यह देश के इतिहास में प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष का दूसरा सबसे छोटा कार्यकाल रहा है। वहीं इससे पहले 1876 में रिपब्लिकन माइकल सी केर सिर्फ 257 दिन तक ही पद पर बने रहे थे। हालांकि उन्हें पद से हटाया नहीं गया था बल्कि उनकी मौत पद पर रहते हुए हो गई थी। वहीं मैक्कार्थी वोटिंग के जरिये पद से हटाए जाने वाले पहले स्पीकर रहे हैं।
ये भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.