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India News(इंडिया न्यूज),Pakistan: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। जहां लगातार नई-नई खबर सामने आती रहती है। वहीं इस मामले में एक और बड़ी खबर सामने आ रही है जहां इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को सिफर मामले में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की जेल सुनवाई के खिलाफ स्टे ऑर्डर जारी कर दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि, इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब और न्यायमूर्ति समन रफत इम्तियाज की दो सदस्यीय पीठ ने यह फैसला सुनाया। वहीं इस दौरान कोर्ट ने इंदिरा गांधी का जिक्र किया। इसी मामले में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मंसूर अवान ने कोर्ट के सामने अपनी दलीलें रखीं। अटॉर्नी जनरल ने कहा- ‘कैबिनेट ने इमरान खान के जेल मुकदमे को मंजूरी दे दी’ इसकी अधिसूचना अदालत के समक्ष पेश की जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इंदिरा गांधी का जिक्र किया। न्यायाधीश ने कहा कि, जब इंदिरा गांधी की हत्या के मामले जेल में मुकदमा चल रहा था, तब भी पत्रकारों को मुकदमे की कार्रवाई कवर करने की अनुमति दी गई थी। इसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने जेल में मुकदमे के खिलाफ इंट्रा कोर्ट अपील पर सुनवाई 16 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
वहीं आगे की जानकारी के लिए बता दें कि, सुनवाई के दौरान जस्टिस औरंगजेब ने कहा कि, वे नोटिफिकेशन की जांच करेंगे, सभी मुकदमे खुली अदालत में होंगे, इसलिए यह मुकदमा असाधारण होगा. इस पर अटॉर्नी जनरल ने तर्क रखा कि यह कोई असाधारण सुनवाई नहीं बल्कि सिर्फ एक जेल सुनवाई है, जिसमें संबंधित एजेंसियों से रिकॉर्ड मांगकर अदालत के सामने रखे जाएंगे. इस पर कोर्ट ने कहा कि तीनों नोटिफिकेश हाईकोर्ट के नियमों के अनुरूप नहीं है, ये बताया जाए कि आखिर किन परिस्थितियों में ये निर्णय लिया गया कि जेल में मुकदमा चलाया जाएगा? इसके अलावा कोर्ट ने ये भी पूछा कि ये कारण भी स्पष्ट किए जाएं कि आखिर कैबिनेट में जेल में मुकदमे की मंजूरी क्यों दी?
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