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India News(इंडिया न्यूज),Israel-Hamas war: इजरायल हमास के बीच चल रहे युद्ध ने अब जाकर और भी भयावह रूप ले लिया है। जहां इजरायल अब गाजा के अंदर घुस चुका है और जबरदस्त तबाही मचा रहा है। वहीं दूसरी ओर बात अगर इस युद्ध के कारण गाजा से पलायन की करें तो संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामलों के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि, पांच नवंबर के बाद से करीब दो लाख और लोग उत्तरी गाजा से विस्थापित हुए हैं क्योंकि इजरायली सेना अस्पतालों के आसपास फलस्तीनी आतंकवादियों से लड़ रही है, जहां मरीज, नवजात शिशु और चिकित्सक बिना बिजली और जरूरी चीजों की किल्लत के बीच फंसे हुए हैं।
वहीं इस मामले में जारी रिपोर्ट की करें तो आश्रय गृहों में लोगों की भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, औसतन 160 लोगों के इस्तेमाल के लिए केवल एक शौचालय है। कुल मिलाकर करीब 15 लाख फलस्तीनी अपना घर छोड़ चुके हैं और यह संख्या गाजा की कुल आबादी की करीब दो तिहाई है। मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, लोगों को रोटी और पानी के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है। कूड़ा-कचरा जमा हो रहा है और नालों का पानी सड़कों पर बह रहा है। नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है क्योंकि पानी की आपूर्ति करने वाले पंप और शोधन संयंत्रों के लिए बिजली या अन्य ईंधन उपलब्ध नहीं है। इजराइल ने युद्ध की शुरुआत के बाद यह कहते हुए ईंधन आयात पर रोक लगा दी है कि हमास इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए करेगा।
वहीं इजरायल के भयावह रूप का अब दूसरे शिकार की बात करें तो मानवीय मामलों के समन्वय से संबंधित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने इस विषय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, उत्तर में केवल एक अस्पताल मरीजों को भर्ती करने में समर्थ है, अन्य सभी अस्पताल अब काम करने में सक्षम नहीं हैं और इनमें से ज्यादातर आश्रय गृह के रूप में संचालित हो रहे हैं जहां पर युद्ध के कारण विस्थापित लोग शरण ले रहे हैं। गाजा का सबसे बड़ा अस्पताल ‘शिफा’ भी इजराइली सेना से घिरा है जहां 36 बच्चों की जान जोखिम में है क्योंकि वहां ‘इनक्यूबेटर’ के लिए बिजली उपलब्ध नहीं है।
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