India News (इंडिया न्यूज़), India Canada standoff: भारत और कनाडा के बीच चल रहे गतिरोध के साथ ही बीच छात्रों के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है। दोनों देशों के बीच चल रही विवादों का उनके वीजा पर नहीं हो रहा है। छात्र वीजा पहले की तरह ही समय पर आ रहे हैं। इसके साथ ही वीजा सक्सेस रेट भी 90 फीसदी से ऊपर है। कुछ छात्रों को तो 11 से 13 दिनों के भीतर ही वीजा मिला है। इतना ही नहीं कनाडा जाने की भारतीय छात्रों की चाह में भी कोई कमी नहीं देखने को मिल रही है। बीते सालों की तरह ही इस साल भी बड़ी संख्या में छात्र पढ़ने के लिए कनाडा जाना चाहते हैं और वीजा के लिए अप्लाई कर रहे हैं।
बता दें कि, जालंधर और अमृतसर में पिनेकल इमिग्रेशन चलाने वाले तीरथ सिंह ने कहा कि, हमने 3 अक्टूबर को जालंधर के एक निवासी के लिए छात्र वीजा के लिए आवेदन किया था। जिसमें 11 दिनों के अंदर 14 अक्टूबर को हमें वीजा मिल गया। इसके साथ ही 4.5 आईईएलटीएस स्कोर वाले एक छात्र को भी वीजा मिला है जो हमारे लिए आश्चर्य से कम नहीं है। ज्यादातर मामलों में वीजा 15 से 25 दिनों के भीतर ही आ रहे हैं। 14 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच ही हमें एक दर्जन से ज्यादा वीजा मिले हैं। तीरथ सिंह आगे कहते हैं कि, वाणिज्य दूतावासों को बंद करने और कनाडा के राजनयिकों को वापस बुलाने के बावजूद भी वीजा सेवा प्रभावित नहीं हुई है।
इसके साथ ही कपूरथला में वीजा संबंधी मामलों में सलाहकार गुरप्रीत सिंह ने भी कहा कि सिर्फ स्टूडेंट ही नहीं पति-पत्नी के लिए वीजा में भी कोई देरी नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि, पहले जीवनसाथी के लिए वीजा अक्सर बाद में आते थे, लेकिन इस दफा वह स्टूडेंट वीजा के साथ ही मिल गए। इन वीजा की सफलता दर में कोई भी गिरावट नहीं आई है। कनाडा के साथ ही विभिन्न सरकारों के लिए वीजा आवेदनों के लिए जिम्मेदार संस्था वीएफएस (वीज़ा फैसिलिटेशन सर्विसेज) ग्लोबल ने 20 अक्टूबर को राजनयिक बदलाव के बावजूद भी 10 बड़े भारतीय शहरों में सामान्य संचालन सुनिश्चित किया है। वहीं, ऐसे में कनाडाई छात्र वीजा आवेदन प्रक्रिया पर न्यूनतम प्रभाव पड़ा।
वहीं, वीएफएस ने कनाडाई राजनयिकों ने भारत छोड़ने के बाद ही यह साफ किया था कि, कनाडा-केंद्रित वीजा आवेदन केंद्र सामान्य रूप से काम करना जारी रखेंगे। जिससे कनाडा में छात्र के वीजा मांगने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। बता दें कि, कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में वहां के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के हाथ होने की बात कही थी। इस पर भारत ने एतराज जताया था। जिसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में सहजता नहीं है।
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