संबंधित खबरें
2025 में धरती पर आएगा वो 'शैतान', लग जाएंगे लाशों के ढेर, बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सच होते देख कांप गई दुनिया
कुर्सी पर बैठने से पहले ट्रंप की बड़ी बदनामी, बच्चों के साथ गंदा काम करने की आरोपी बनी वजह, मामला जानकर सदमे में अमेरिका वासी
ट्रंप को मिला धोखा! इस अमेरिकी हसीना को बनाया अटॉर्नी जनरल, जानिए क्यों मैट गेट्ज ने वापस लिया अपना नाम
फिर बेनकाब हुआ कनाडा! भारत के सख्त कदम के बाद ट्रूडो को आई अकल, PM मोदी पर लगाए इस विवादित आरोप से पलटा
'राम भजन' में मग्न हुए भारतीय प्रधानमंत्री, PM मोदी का मंजीरा बजाते हुए वीडियो वायरल, भारत-गुयाना के रिश्तों में बड़ा मोड़
नेतन्याहू को किसने बना दिया इंटरनेशनल 'हैवान'? गुस्से से लाल हुई ताकतवर नेता की आंखे, दिया ऐसा जवाब की कांप गए मुस्लिम दुश्मन
India News(इंडिया न्यूज),COP-28: दुबई में कॉप-28 शिखर सम्मेलन की गुंज लगातार बरकरार है। इसी बीच सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में भारत के केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव भी शामिल होने के लिए दुबई पहुंचे। जहां उन्होने संबोधन के दौरान क्षति कोष को चालू करने का समर्थन करते हुए कहा कि, भारत हानि और क्षति कोष को चालू करने के फैसले का समर्थन करता है। जानकारी के लिए बता दें कि, हानि और क्षति कोष एक राहत पैकेज है, जो अमीर देश जलवायु परिवर्तन के प्रति अधिक संवेदनशील विकासशील देशों को नुकसान की भरपाई के लिए देते हैं।
इसके साथ हीं केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि, विकसित देशों ने वादा किया था कि वे सौ अरब डॉलर का वित्त मुहैया कराएंगे लेकिन आज तक वह वादा पूरा नहीं हुआ। भरोसा कहां से आएगा। मंत्री ने कॉप-28 से वैश्विक अनुकूलन प्रथाओं के लिए धन बढ़ाने का भी आह्वान किया।
जानकारी के लिए बता दें कि, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कॉप-28 के विषय में बात करते हुए कहा कि, यूएई में पहले दिन ही कॉप-28 से गति का सकारात्मक संकेत मिला है। उन्होंने जलवायु न्याय के महत्व को रेखांकित किया है। बता दें कि, केंद्रीय मंत्री इंडिया ग्लोबल फोरम के क्लाइमेट फॉर बिजनेस (CLIMB) फोरम के समापन दिवस में भी शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आगे कहा कि, विकसित दुनिया के 17 प्रतिशत हिस्से में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन 60 प्रतिशत है, लेकिन 54 अफ्रीकी देशों के बारे में क्या? उनका कार्बन उत्सर्जन केवल 4 प्रतिशत है। हम जब भी जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करते हैं तो हमें जलवायु न्याय पर भी चर्चा करना चाहिए। हर व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है। हर देश को विकास का अधिकार है।
ये भी पढ़े
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.