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India News (इंडिया न्यूज़), Dedicated Freight Corridor News: भारत विकासशील से विकसित को ओर आगे बढ़ रहा है। हर रोज कुछ न कुछ नया रिकॉर्ड बन रहा है। इंडिया रेलवे ने वन्दे भारत, बुलेट ट्रैन जैसी सौगात लोगों को दी है। इस बार इंडिया रेलवे ने 1300 ट्रकों के बराबर सामान पहुंचाने वाली मालगाड़ी बनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार इसकी तैयारी भी हो चुकी है। अमेरिका और चीन में पहले से ही ऐसी मालगाड़ियाँ चल रही हैं। लेकिन अब भारत में यह मालगाड़ियाँ डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) में चलाई जाएंगी, जिसे हेवी हॉल कहा जाता है। प्रधानमंत्री मोदी आज वाराणसी में इस ट्रेन को चलाने के लिए तैयार कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।
देश में जल्दी और कम कीमत पर सामान पहुंचाने के लिए दो कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। पूर्वी और पश्चिमी दोनों गलियारों की लंबाई 2843 किमी है। पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के सोननगर तक 1337 किलोमीटर लंबा ईस्टर्न रेलवे कॉरिडोर पूरा हो चुका है। इस कॉरिडोर का आज उद्घाटन किया जाएगा। जबकि 1506 कि।मी। लंबा पश्चिमी गलियारा हरियाणा-रेवाड़ी से महाराष्ट्र (अटेली से जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह, जेएनपीटी) तक निर्माणाधीन है।
डीएफसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कॉरिडोर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इसमें भारी मालगाड़ियां चल सकें। इसकी क्षमता एक दिन में 120 भारी मालगाड़ियों को एक दिशा में चलाने की है। भारी मालगाड़ी में करीब 105 वैगन होते हैं और डेढ़ किलोमीटर लंबी इस ट्रेन में करीब 13,000 टन सामान ले जाया जा सकता है। इस तरह एक मालगाड़ी करीब 1300 ट्रकों के माल को तेज गति से परिवहन कर सकेगी।
ऐसी मालगाड़ियाँ अमेरिका और चीन में पहले से ही चल रही हैं। अमेरिका के कोलोराडो में हेवी हॉल मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है और चीन के हुआंगहुआ और शुओझोउ में कोयले के परिवहन के लिए हेवी हॉल मालगाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया ने पिलबारा क्षेत्र में हेवी हॉल बैटरी लोकोमोटिव का सफल परीक्षण किया है। जापान में सामान जल्दी पहुंचाने के लिए भारी मालगाड़ियों की जगह बुलेट ट्रेनों का इस्तेमाल किया जाता है।
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