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Mental Health Tips : कई बार ऐसा लगता है कि बाहरी दुनिया की नेगेटिविटी से दूर रहने के लिए घर में रहना अच्छा है, लेकिन आज के दौर में आप घर में रहकर भी बाहरी दुनिया से अछूते नहीं रह सकते हैं। क्योंकि आपका एक रूप आपके सोशल मीडिया एकाउंट्स के जरिए वर्चुअल दुनिया में भी भ्रमण करता है। स्मार्ट फोन पर सर्फिंग के दौरान सतर्क रहने की बात कही गई है। इसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया पर मात्र दो मिनट का भी टाइम स्पेंड करना, आपके पूरे दिन को वेस्ट कर सकता है और आपका मूड दिन भर खराब कर सकता है।
सोशल मीडिया को लेकर हाल ही में ब्रिटेन की एसेक्स यूनिवर्सिटी की रिसर्च में ये तथ्य सामने आए हैं। रिसर्चर्स ने पाया कि कोरोना काल के दौरान निगेटिव स्टोरीज का लोगों की मेंटल हेल्थ पर विपरीत असर पड़ा है। टि्वटर और यू-ट्यूब पर जब लोगों ने निगेटिव स्टोरी देखीं तो उन्हें डिप्रेशन हो गया। यहां एक चौंकाने वाला ट्रेंड भी सामने आया। दरअसल, जब लोगों को कोरोना से जुड़ी निगेटिव और पॉजिटिव स्टोरी पढ़ने को दी गईं, तो उन्हें निगेटिव स्टोरी से ज्यादा डिप्रेशन हुआ। जबकि उसी समय जब पॉजिटिव स्टोरी पढ़ने को दी गई, तो इसका उनके मूड पर ज्यादा असर नहीं हुआ।
शोधकर्ताओं ने पाया कि सोशल मीडिया पर कोरोना से जुड़ी निगेटिव स्टोरी मन पर ज्यादा नेगेटिव असर डालती हैं। रिसर्च को लीड करने वाली डॉ कैथरीन बुकानन का कहना है कि निगेटिव सोशल मीडिया को डूम स्क्रोलिंग कहते हैं। इसमें यूजर्स को स्टोरी के माध्यम से ऐसी फीड दी जाती है, जिससे वो ज्यादा से ज्यादा समय तक अपने स्मार्ट फोन या फिर लैपटॉप पर निगेटिव स्टोरी को पढ़े। (Mental Health Tips)
डॉ कैथरीन ने आगे बताया कि सोशल मीडिया पर निगेटिव न्यूज फीड का ट्रेंड बढ़ रहा है। अक्सर इस न्यूज फीड की प्रमाणिकता भी नहीं होती है। ऐसे में लोग क्या करते हैं कि उन्हें जो ऑनलाइन फीड मिलता है, वे उसी को पढ़ लेते हैं। ये सेहत के लिए ठीक नहीं है। (Mental Health Tips)
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।
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