संबंधित खबरें
मिल गया संभल की मस्जिद का काला सच? मुगलों से अंग्रेजों तक सभी ने छुपा रखे थे ये मंदिर के सबूत, जानें क्या-क्या मिला
Rahul Gandhi ने 6 महीने में कैसे फेल कर दी कांग्रेस की राजनीति? महाराष्ट्र हार में 'शहजादे' पर आया ब्लेम
Maharashtra Election Result 2024: नतीजों से पहले ही महायुति में हुई भयंकर लड़ाई, कुर्सी के लिए भिड़े ये 3 नेता
किन्नर से शादी करके खुश था लड़का, अचानक सामने आई वो काली सच्चाई, हिल गए घरवाले
महाराष्ट्र और झारखंड में हो गया खेला? छनने लगी जलेबी., जानें कहां खुशी और कहां पसरा सन्नाटा
महाराष्ट्र में इन 4 नोताओं की अलग ही चल रही जंग, जानें क्या है असली-नकली का महायुद्ध?
India News (इंडिया न्यूज), Bal Thackrey Birthday: महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध राजनेता बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी साल 1926 को पुणे में हुआ था। बाल ठाकरे ने ही शिव सेना के नाम से एक मराठीवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग बालासाहेब ठाकरे के नाम से जानते थे। मुंबई पर वह राज करने वाले शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को किसी के परिचय की ज़रूरत नहीं है। लेकिन आज हम उनके जन्मदिन पर कुछ ऐसी बातें आपके बताएंगे जो आम जनता के सामने नहीं आ पाई हैं।
बता दें कि, बाल ठाकरे ने अपने करियर की शुरुआत कार्टूनिस्ट के तौर पर किया था। कार्टूनिस्ट बाल ठाकरे ने अपने संगठन शिवसेना का मुखपत्र ‘सामना’ मराठी में पब्लिश करते थे। यह मुखपत्र आज तक पब्लिश होता है। 1947 में फ्री प्रेस जर्नल में बाल ठाकरे के साथ मशहूर कार्टूनिस्ट आर के लक्ष्मण एक साथ काम करते हैं।
बाल ठाकरे का फिल्म जगत से भी काफी करीबी रिश्ता था। संजय दत्त से दिलीप कुमार तक उनकी सबसे जान पहचान था। कहा जाता है कि जब संजय दत्त टाडा के दौरान मुश्किल में घिर गए थे, तब बाल ठाकरे ने ही उनकी हर संभव मदद की थी। बाल ठाकरे ने मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार यानि युसूफ खान के बारे में भी कहा था कि, “दिलीप साहब मेरे साथ शाम की बैठक लगाया करते थे, लेकिन बाद में पता नहीं क्या हो गया कि वो मुझसे दूर हो गए।”
बाल ठाकरे के पिता की अगर बात करें जिनका नाम केशव ठाकरे का मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बनाने में बहुत बड़ा हाथ रहा हैं। केशव ठाकरे एक सामाजिक कार्यकर्त्ता थे। उन्होंने साल 1950 में सयुंक्त महाराष्ट्र अभियान चलाया था। वह चाहते थे कि बंबई (मुंबई) को भारत की राजधानी बनाई जाए। जिसके लिए वह पूरा प्रयास कर रहे थे। उनके प्रयासों से भले ही मुंबई देश की राजधानी नहीं बन सकी हो, लेकिन देश की आर्थिक राजधानी जरूर बन गई थी।
वहीं, 17 नवंबर 2012 को बाला साहेब ठाकरे का निधन मुंबई में हो गया था और उनका अंतिम संस्कार मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया था। मुंबई के लोग बाला साहेब को ‘टाइगर ऑफ़ मराठा’ के नाम से भी जाना करते थे। वह पहले ऐसे इंसान थे जिनके निधन पर मुंबई के लोगों ने बिना किसी नोटिस के ही अपनी मर्जी से बंद रखा था।
ये भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.