इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Health Tips: आप क्या खाते हैं, इस पर आपका स्वास्थ्य टिका है। अगर हेल्दी फूड्स का सेवन करेंगे तो आपकी हेल्थ भी अच्छी रहेगी। डाइट में कोताही जान जोखिम में डाल सकती है। एक नए अध्ययन में भी दावा किया गया है
कि डाइट का सीधा संबंध आंतों में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव और प्रोस्टेट कैंसर से है। इस अध्ययन को कैंसर एपिडोमायोलॉजी में प्रकाशित किया गया है। शोधकतार्ओं ने 1।48 लाख लोगों के डाटा का विश्लेषण करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है।
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अपने अध्यन में शोधकतार्ओं ने 76,685 लोगों का विश्लेषण किया। इन लोगों ने प्रोस्टेट कैंसर का इलाज कराया था। इन लोगों की आयु 55 से 74 साल के बीच थी। शोधकतार्ओं ने इन लोगों के 13 साल के मेडिकल रिकॉर्ड को भी खंगाला।
इसके बाद प्रमुख अध्ययन के लिए 700 पुरुषों को चुना। इनमें से 173 लोगों की प्रोस्टेट कैंसर के कारण मौत हो गई। विश्लेषण के बाद पता चला कि जिन लोगों की डाइट में मीट और एनिमल प्रोडक्ट ज्यादा शामिल था, उनलोगों की आंत में बैक्टीरिया ने इनसे निकलने वाले अणु को घातक अणुओं में बदल दिया, जिसके कारण प्रोस्टेट कैंसर हुआ।
जेनिटॉरीनरी मेलाइनेंसीज रिसर्च सेंटर की निदेशक डॉ। नीमा शरीफी ने बताया कि कुछ पुरुषों में खास डाइट की वजह से बने अणुओं के कारण प्रोस्टेट कैंसर तेजी से बढ़ा। शोधकतार्ओं ने पाया कि मेटाबोलिज्म की प्रक्रिया में काम आने वाले तीन अणु फिनाइलएसिटिलग्लूटामाइन, चोलिन और बेटाइने का प्रोस्टेट कैंसर से सीधा संबंध है।
फिनाइलएसिटिलग्लूटामाइन तब बनता है जब आंत में पाए जाने वाले बैक्टीरिया फिनाइलेलानाइन को तोड़ता है। वही चोलिन और बेटाइने कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। फिनाइलेलानाइन उच्च स्तर वाला प्रोटीन है जो डेयरी, मीट, पॉल्ट्री, सोया, फिश, बींस, नट्स और सोडा में पाया जाता है। शरीर के लिए यह प्रोटीन जरूरी चीज है। लेकिन इन अणुओं को बैक्टीरिया घातक अणु में बदल देता है जो कैंसर का कारण बनता है।
शोधकतार्ओं ने पाया कि जिन लोगों के ब्लड सीरम में फिनाइलएसिटिलग्लूटामाइन का स्तर ज्यादा था, उनलोगों की मौत अन्य लोगों की तुलना में प्रोस्टेट कैंसर से 2।5 गुना ज्यादा हुई। इसके अलावा जिन पुरुषों में चोलिन और बेटाइने का स्तर ज्यादा था,
उनलोगों में घातक प्रोस्टेट कैंसर की आशंका दो गुना ज्यादा देखी गई। डॉ शरीफी ने बताया कि हम जो चीज खाते हैं, हमारी आंत में मौजूद बैक्टीरिया उसमें परिवर्तन लाता है। ये चोलिन और बेटाइने जैसे अणुओं को घातक अणु में बदल देते हैं।
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इसलिए खान-पान में बदलाव कर प्रोस्टेट कैंसर की आशंका को कम किया जा सकता है। डॉ शरीफी ने बताया कि मेटाबोलिज्म के लिए जरूरी अणु जो परिवर्तित होकर घातक प्रोस्टेट कैंसर के लिए जिम्मेदार होते हैं,
वे आमतौर पर मीट और एनिमल प्रोडक्ट से आते हैं। इसलिए मीट और एनिमल प्रोडक्ट का कम से कम सेवन करना बेहतर रहेगा।
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