संबंधित खबरें
कमल की लहर में निकली साइकिल की हवा , मुस्लिम सीटों पर भी रहा BJP का जोरदार प्रदर्शन…
UP News: गांव के 30 अभ्यर्थियों ने पास की पुलिस भर्ती परीक्षा, भाई-बहन के हिस्से में आई कामयाबी
BJP नेता की बंद पड़ी फैक्ट्री में चोरी, जांच में जुटी पुलिस
सिद्धार्थनगर में बड़ा हादसा, रेस्टोरेंट में रखे सिलेंडर में धमाका, बैंक की दीवार में भी आई दरार
UP उपचुनाव में सपा को मिली हार, डिपंल यादव का आया ये बयान
UP में मानवता शर्मसार, दिल दहलाने वाली घटना, एक्सप्रेसवे पर 2 घंटे तक युवक के शव को रौंदते रहे वाहन
India News (इंडिया न्यूज़), Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले पर जोरदार घमासान जारी है। मामला अदालत में है। आज इस केस के लिए बड़ा दिन है। क्योंकि आज पूजा के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि अब तक इस केस में क्या क्या हुआ है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को वाराणसी अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें हिंदू पक्ष को ज्ञानवापी के व्यास तहखाना के अंदर प्रार्थना करने की अनुमति दी गई थी। उच्च न्यायालय का फैसला इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखने के कुछ दिनों बाद आया है। 15 फरवरी को, उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी द्वारा दायर अपील पर सुनवाई पूरी की। जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ ने मामले में फैसला सुनाया।
31 जनवरी को जिला अदालत द्वारा हिंदू पक्ष को व्यास तहखाना (तहखाने) के अंदर प्रार्थना करने की अनुमति देने के बाद मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया। व्यास तहखाना मस्जिद के तहखाने में स्थित चार ‘तहखाना’ में से एक है। अदालत ने यह आदेश शैलेन्द्र कुमार पाठक की याचिका पर जारी किया, जिन्होंने कहा था कि उनके नाना सोमनाथ व्यास ने दिसंबर 1993 तक तहखाना में पूजा की थी।
Also Read: गाजा में ट्रक से कुचले जाने की घटना पर तुर्की ने कहा- यह मानवता के खिलाफ अपराध
इलाहाबाद हाई कोर्ट का कहना है, ‘मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश की गई दलीलें कमजोर नजर आती हैं।’ “इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज अपने आदेश का ऑपरेटिव भाग पढ़ा। ऑपरेटिव भाग में कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष द्वारा प्रस्तुत तर्क कमजोर प्रतीत होते हैं और जिला न्यायाधीश का आदेश, जिला मजिस्ट्रेट के लिए एक रिसीवर नियुक्त करना और पूजा की अनुमति देना है। जारी रखें, बरकरार रखा जाएगा। अधिवक्ता प्रभाष पांडे ने कहा, अदालत ने प्रथम अपील फॉर्म के आदेश को भी खारिज कर दिया है।
Also Read: लड़की को किया अगवा, 20 दिनों तक करते रहे रेप, आरोपी गिरफ्तार
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव कहते हैं, ‘मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है, लेकिन वहां भी उन्हें हार मिलेगी।’ हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मदन मोहन यादव ने कहा, “हम (इलाहाबाद एचसी) फैसले से बेहद खुश हैं। वे (मुस्लिम पक्ष) सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं, लेकिन वे वहां भी हारेंगे और हम इस बारे में आश्वस्त हैं।” पक्ष, ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में हिंदुओं को प्रार्थना करने की अनुमति के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया।
वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी कहते हैं, ‘यहां तक कि हाई कोर्ट ने भी माना कि पूजा और धार्मिक अनुष्ठान होते थे।’ “आज, उच्च न्यायालय ने भी स्वीकार कर लिया कि वहां पूजा और धार्मिक अनुष्ठान होते थे, और 1993 में, बिना किसी दस्तावेज़ या आदेश के धार्मिक अनुष्ठान बंद कर दिए गए थे…इसलिए, जिला अदालत के आदेश को आज बरकरार रखा गया…उच्च अदालत ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया… अंजुमन इंतजामिया (मस्जिद कमेटी) की आपत्ति को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है,” वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा।
Also Read: देहरादून के एक घर में फांसी पर लटकी मिली 15 वर्षीय घरेलू सहायिका, जांच जारी
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.