India News (इंडिया न्यूज़), India-US Relations: भारत का रिश्ता कनाडा और अमेरिका से खिलिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले दिन प्रदीन ख़राब होते जा रहा है। इस बीच भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका साथ मिलकर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ कथित हत्या की साजिश की जांच कर रहे हैं। हालांकि, यूएस राजदूत एरिक ने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपनी लक्ष्मण रेखा को पार नहीं करना चाहिए। दरअसल, खालिस्तानी गुरपतवंत सिंह पन्नू की तरफ से खालिस्तानी मार्च और धमकियों के सवालों का जवाब देते हुए एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिकी सिस्टम बेहतर या खराब लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
बता दें कि, खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को भारत ने आतंकवादी घोषित किया है। जिसके पास अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है। उसकी ओर से अक्सर भारत को धमकियां दी जाती हैं। वहीं, पिछले दिनों खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को लेकर जो बाइडेन प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी को मारने की साजिश रचने वाले लोगों का पता लगाने के लिए अमेरिका, भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। अब उसके बाद भारत में यूएस के राजदूत एरिक गार्सेटी का इस मामले को लेकर बयान सामने आया है।
दरअसल एरिक गार्सेटी ने कहा कि अमेरिका अभिव्यक्ति की आजादी चाहता है। अगर कोई आपराधिक आरोप वास्तव में उस सीमा तक पहुंचता है जिसका सफल परिणाम निकले तो हम किसी के लिए भी सफलता की कामना करते हैं। वहीं, पिछले साल नवंबर में एक भारतीय नागरिक, निखिल गुप्ता पर संघीय अभियोजकों की ओर से गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने का आरोप लगा था। अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया था कि निखिल गुप्ता एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम कर रहा था।
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