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India News (इंडिया न्यूज़), Baisakhi 2024: हिंदू धर्म में बैसाखी त्योहार को विशेष महत्व होता है। बैसाखी का त्यौहार भारत के कई इलाकों में मनाया जाता है। लेकिन यह विशेष रूप से पंजाब में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह न सिर्फ सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे देश के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बेहद खास रहता है। है। यह बैसाखी रबी फसलों की कटाई का त्योहार भी है।
बता दें कि, साल 1699 में दसवें और अंतिम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने केशधारी सिखों के एक विशेष समुदाय खालसा पंथ की स्थापना की। इस घटना ने सिख इतिहास में एक विशेष मोड़ ले लिया है। इसी की याद में बैसाखी का पर्व मनाया जाता है। बैसाखी के दिन से पंजाबी नववर्ष की शुरूआत होती है। यह ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है, क्योंकि सर्दी समाप्त हो रही है और गर्मी आ रही है। इसके साथ ही बैसाखी रबी फसलों की कटाई का त्योहार भी है। किसानों को उनकी मेहनत का फल मिलता है और वे जश्न मनाते हैं।
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बैसाखी कई धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाती है। यह भाईचारे और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी माना जाता है। बैसाखी पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाई जाती है। बैसाखी सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जो विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है। यह त्योहार भाईचारे, सामाजिक समरसता और समानता का प्रतीक है।
इस खास दिन लोग गुरुद्वारों में विशेष प्रार्थना और समारोह का आयोजन करते हैं। अमृत संचार का भी आयोजन किया जाता है, जो कि सिख धर्म में एक दीक्षा संस्कार है। नगर कीर्तन या जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें लोग सजे हुए रथों पर गुरु ग्रंथ साहिब को ले जाते हैं। लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते हैं, गिद्दा और भांगड़ा नृत्य करते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं। ढोल, नगाड़े और शहनाई की मधुर धुन पूरे माहौल को उत्सवी बना देती है। बैसाखी के अवसर पर कई मेलों का आयोजन किया जाता है, जहां लोग तरह-तरह के सामानों की खरीदारी करते हैं, खेलों में भाग लेते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं। बैसाखी के त्योहार में स्वादिष्ट भोजन का विशेष महत्व होता है। लोग लस्सी, पनीर, बटर चिकन और गुलाब जामुन जैसे व्यंजनों का आनंद लेते हैं।
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