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इंडिया न्यूज, इस्लामाबाद:
International Court Pressure पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकेंगे। गौरतलब है कि पाकिस्तान की अदालत ने चार साल पहले जासूसी के आरोप में कुलभूषण को फांसी की सजा सुनाई है।
अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे पाकिस्तान झुक गया है और इसी के चलते पड़ोसी मुल्क के उच्च सदन ने आज International Court of Justice (Review and Re-Consideration) Ordinance 2020 को मंजूरी दी। यह बिल करीब पांच महीने पहले पाकिस्तान के निचले सदन (नेशनल असेंबली) से पारित हुआ था। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (समीक्षा और पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को कानून मंत्री फारोघ नसीम ने पेश किया। इसे पाक संसद बहुमत से पारित किया गया।
International Court of Justice (Review and Re-Consideration) Ordinance 2020 को राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया जाएगा और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। पाकिस्तानी अखबार द डान के अनुसार, विधेयक के मुताबिक, पाकिस्तान की जेलों में सजायाफ्ता विदेशी कैदी (जिन्हें सैन्य कोर्ट ने सजा सुनाई है) ऊपरी कोर्ट में अपील कर सकेंगे।
51 वर्षीय कुलभूषण जाधव इस समय पाकिस्तान की जेल में जासूसी के एक कथित मामले में मौत की सजा काट रहे हैं। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव को 2017 में पाकिस्तान में एक सैन्य अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी। भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में इस कदम के खिलाफ अपील की थी और जाधव को कांसुलर एक्सेस से इन्?कार करने के पाकिस्तान के फैसले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (कउख) में चुनौती दी थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कउख ने जुलाई 2019 में एक फैसला दिया।
जुलाई 2019 में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की ‘समीक्षा और पुनर्विचार’ करना चाहिए। इसके साथ ही अदालत ने भारत को बिना देरी जाधव तक राजनयिक पहुंच देने का आदेश दिया।
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