India News (इंडिया न्यूज), Tobol Secret Weapon: बाल्टिक सागर के ऊपर वाणिज्यिक उड़ानों पर होने वाले इलेक्ट्रॉनिक हमले एक गुप्त हथियार टोबोल का परिणाम हो सकते हैं। जिसका उपयोग रूस ने सिग्नलों को जाम करने के लिए किया था। रिपोर्ट के अनुसार इस हथियार का उपयोग पहले नाटो के पूर्वी हिस्से पर जहाज के सिग्नलों को जाम करने के लिए किया जाता था। कथित तौर पर लिथुआनिया और पोलैंड के बीच कलिनिनग्राद में स्थापित, रूस के पास अपने क्षेत्र में लगभग 10 ऐसे उपकरण हैं।
बता दें कि, विशेषज्ञों के मुताबिक उपकरणों का उपयोग नाटो के उपग्रह-निर्देशित मिसाइलों के भंडार से सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर एक अगोचर ढाल बनाकर उन्हें आश्रय देने के लिए किया जा सकता है। एस्टोनिया के सैन्य प्रमुख ने कहा कि साल 2024 के पहले कुछ महीनों में, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से जुड़ा एक व्यवधान चक्र पोलैंड और बाल्टिक देशों तक फैला हुआ देखा गया था। जनरल मार्टिन हरेम ने कहा कि हमने जो देखा है वह जहाजों और हवाई यातायात के लिए जीपीएस की खराबी है। हम वास्तव में नहीं जानते कि क्या वे (रूस) कुछ हासिल करना चाहते हैं या सिर्फ अभ्यास और अपने उपकरणों का परीक्षण करना चाहते हैं।
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जनरल मार्टिन हरेम ने कहा कि निश्चित रूप से, किसी को भी इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। खासकर जब आप किसी पड़ोसी देश के साथ युद्ध में हों। वहीं फ़िनलैंड, पोलैंड और स्वीडन सहित कई देशों ने हाल के महीनों में जीपीएस व्यवधान की सूचना दी है। स्वीडन के लेफ्टिनेंट कर्नल जोकिम पासिकीवी ने स्वीडिश मीडिया के साथ इस मामले पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूसी प्रभाव गतिविधियां या तथाकथित हाइब्रिड युद्ध हस्तक्षेप का कारण हैं।
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