India News (इंडिया न्यूज), S Jaishankar: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार (8 मई) को कहा कि देश की हर राजनीतिक पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके जो भारत का हिस्सा है, भारत में वापस आ जाए। विदेश मंत्री ने गार्गी कॉलेज में छात्रों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि लोगों ने मान लिया था कि अनुच्छेद 370 को बदला नहीं जा सकता क्योंकि उस समय की राजनीति ने इसे जनता की चेतना में गहराई तक पहुंचा दिया था। अब हम देखते हैं, एक बार जब हम इसे बदल देते हैं तो पूरी स्थिति बदल जाती है स्थिति बदलती है।दरअसल जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को अगस्त 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने खत्म कर दिया था।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पीओके के संबंध में मैं केवल इतना कह सकता हूं कि एक संसद प्रस्ताव है। इस देश की प्रत्येक राजनीतिक पार्टी पीओके, जो कि भारत का हिस्सा है, की भारत में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह वास्तव में हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता है लेकिन मैं मैं एक बात कहना चाहता हूं। दस साल पहले या यहां तक कि पांच साल पहले भी लोग हमसे इस बारे में नहीं पूछते थे। अब लोग समझते हैं, हां पीओके भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुछ भी घटित होने के लिए पहली शर्त यह है कि वह आपके विचारों में होना चाहिए।
एस जयशंकर ने कहा कि आज जो हुआ है वह यह है कि हमने अंततः 370 पर सही निर्णय लिया है। आज हमारे अपने लोगों के मन में पीओके मुद्दा सामने आ गया है। जैसा कि वे कहते हैं, कुछ भी होने के लिए पहली शर्त यह है कि पहले यह होना चाहिए एक बार यह आपके विचारों में आ जाए। तो बाकी चीजें निश्चित रूप से किसी न किसी बिंदु पर होंगी। इस बीच, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में बिगड़ती आर्थिक स्थिति के मद्देनजर, राजनीतिक और मानवाधिकार संगठनों ने एक लंबा मार्च निकाला है। साथ ही पीओजेके के मुजफ्फराबाद में स्थानीय लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को उठाने के लिए 11 मई को धरने का आह्वान किया है।
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